
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान खरीदी के लिए बोरा की व्यवस्था के नाम पर किसानों का घोर शोषण कर रही है। इस अव्यस्था और किसानों का शोषण का छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा ने कड़ी निंदा की है। छग सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा निम्नलिखित जिला के जिलाधीशों को आदेश जारी किया है जिसमें गरियाबंद, कोरिया, जगदलपुर, कोंडागांव,बलौदाबाजार, बीजापुर, कांकेर, मुंगेली, कवर्धा,जांजगीर, राजनांदगांव प्रमुख रूप से शामिल है। जहां के किसानों को जुट का पुराना बारदाना 15 रुपये के बदले 35-40 रुपये में व्यापारियों से खरीदना पड़ रहा है, इससे किसानों का व्यापारियों द्वारा आर्थिक शोषण हो रहा है। इस प्रकार से धान खरीदी और बोरा की अभाव के चलते खुलेआम शोषण हो रहा है इससे शासन की मिली भगत की बू आ रही है। राज्य आंदोलनकारी प्रदेश किसान नेता अनिल दुबे, जी.पी.चंद्राकर,दीनदयाल वर्मा,जागेश्वर प्रसाद, अशोक ताम्रकर, महेंद्र कौशिक, लालाराम वर्मा, गोवर्धन वर्मा, ईश्वर साहू, चंद्रप्रकाश साहू,केशरी जैन ने राज्य सरकार पर सीधा आरोप लगाया है कि पंजीकृत 23 लाख से अधिक किसानों का धान बारदाना के अभाव में समय सीमा पर नहीं बिक पायेगा। साथ ही सरकार जिन किसानों का धान समर्थन मूल्य में खरीदी की है उसका भुगतान 12 से 15 दिन हो गया अभी तक नहीं हो पाया है। इस अव्यवथा औऱ धांधली से परेशान किसान धान बेचने, चुकारा प्राप्त करने एवं बारदाना की व्यवस्था के लिए जगह-जगह चक्कर काट कर परेशान हो रहे हैं। किसान मोर्चा के नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि सरकार शीघ्र ही बारदाना की उचित कीमत व्यवस्था करे और खरीदे गए धान के मालिक किसान को मंडी अधिनियम के मुताबिक 3 दिन के अंदर भुगतान करे अन्यथा दिल्ली के तर्ज पर किसान मोर्चा छत्तीसगढ़ में आंदोलन करेगा।
