हस्त रेखा विज्ञान : हर व्यक्ति की चाहत होती है कि अपने परिवार के साथ सुखी जीवन व्यतीत करने के लिए अपना घर या आलाशीन मकान हो. अपना घर यानी मकान बनाने के लिए व्यक्ति हर संभव प्रयास करता है. मेहनत से कमाई करके धन इक_ा करने के बाद कहीं जाकर अपने घर का सपना पूरा होता है. जबकि कुछ लोगों की किस्मत में पैतृक घर यानी पुश्तैनी मकान होता है. हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के हाथ की रेखाएं भविष्य से जुड़ी अनेक घटनाओं के बारे में बताती हैं. हथेली की रेखाओं से पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति का अपना घर यानी सपनों का मकान बनेगा या पुश्तैनी मकान ही किस्मत में होगा. आइए जानते हैं हस्तरेखा शास्त्र में कहां और कैसा बनता दिखाई देता है अपने घर का योग. हस्त रेखा के अनुसार जिस व्यक्ति के हाथ का अंगूठा कम खुलता है, यानी अंगूठे और तर्जनी के बीच की जो दूरी कम होती है तो ऐसा व्यक्ति छोटे मकान में रहते हैं. हथेली पर मंगल पर्वत भूमि या भवन की स्थिति बताता है. व्यक्ति की हथेली पर मंगल का क्षेत्र यदि ऊंचा होता है और शुभ चिन्ह से संयुक्त होता है तो ऐसे व्यक्ति के एक से अधिक मकान बनते हैं. चंद्रमा और शनि पर्वत से निकली रेखाएं भाग्य रेखा तक जाएं या फिर जीवन रेखा तक जाएं तो ऐसे व्यक्ति को बना बनाया भवन मिलता है. साथ ही आकस्मिक घर की प्राप्ति होती है. यदि हस्त रेखा में कोई रेखा मंगल या चंद्रमा तक जाती है, तो व्यक्ति पैतृक संपत्ति का अधिकारी होता है. हथेली की मस्तिष्क रेखा में अन्य रेखाओं की शाखाएं होती हैं तो व्यक्ति पैतृक घर में निवास करता है. जीवन रेखा में त्रिकोण हो या एक से अधिक भाग्य रेखाएं हों तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में बड़ा बंगला या फ्लैट मिलता है.
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किस्मत में पुश्तैनी घर या बनेंगे बड़े बंगले के मालिक? ये लकीरें करती हैं तय
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