
अमलेश्वर (पाटन)। संकुल स्रोत केंद्र पाहन्दा (अ) विकासखण्ड पाटन जिला दुर्ग द्वारा संकुल स्तरीय खिलौना बनाओ प्रतियोगिता का वर्चुअल प्रदर्शन किया गया। इसमें प्राथमिक एवम उच्च प्राथमिक स्तर के बच्चों द्वारा कम लागत, आसपास उपलब्ध सामग्री से परंपरागत खिलौने, पर्यावरण से संबंधित खिलौने, सामाजिक, मानव मूल्यों पर आधारित, मिट्टी, लड़की से बने खिलौने के साथ-साथ विषयगत सीखने सीखाने की प्रक्रिया को प्रभावी बनाने उपयोगी खिलौने का प्रदर्शन किया गया जो काफी सराहनीय रहा।
कार्यक्रम के आयोजक एवम संकुल शैक्षिक समन्वयक ललित कुमार बिजौरा ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत प्रारम्भिक वर्षों में बच्चों के लिए खिलौने के अवसर देने खिलौना प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। बच्चों को खिलौने से बहुत प्यार होता है अत: स्कूलों में भी बच्चों के लिए खिलौने उपलब्ध कराना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इस पर विशेष जोर दिया गया है। शाला स्तर से लेकर जिला स्तर तक खिलौने बनाने एवम उनके शैक्षणिक उपयोग के संबंध में वर्चुअल प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में संकुल स्तरीय खिलौना बनाओ प्रतियोगिता का वर्चुअल प्रदर्शन विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी टी.आर.जगदल्ले के मुख्य आतिथ्य, जे.पी. पाण्डे संकुल प्राचार्य, श्रीमती नीता गुप्ता प्राचार्य शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय अमलेश्वर, के विशिष्ट आतिथ्य में में किया गया। टी.आर.जगदल्ले ने कहा कि खिलौना बनाओ प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों की प्रतिभा को सामने लाने प्रयास किया गया जो सराहनीय है।
निर्णायक के रूप में परस राम साहू सेवानिवृत्त प्रधानपाठक एवम श्रीमती किरण चन्द्राकर व्याख्याता ने अपनी सहभागिता दी। कार्यक्रम का संचालन श्री लखेश्वर साहू सहायक शिक्षक ने किया। कक्षा 1 से 8 तक के प्रतिभागी बच्चों ने भाग लिया। प्रतियोगिता के दौरान बच्चों ने खिलौने के नाम, आवश्यक सामग्री, निर्माण की विधि एवम उनके महत्व एवम उपयोग को भी साझा किया।
प्राथमिक स्तर में कुमारी टामिन कक्षा 5वीं प्राथमिक शाला अमलेश्वर डीह ने प्रथम स्थान तथा उच्च प्राथमिक स्तर में हेमन्त सोनकर कक्षा 8वीं शासकीय उच्च प्राथमिक शाला अमलेश्वर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। विजेता प्रतिभागियों को संकुल स्तर से ब्लॉक एवम जिला स्तर की प्रतियोगिता में भेजा जाएगा। उक्त प्रतियोगिता में विशेष रूप से जिला शिक्षा अधिकारी पी. के.एस बघेल, जिला मिशन समन्वयक सुरेंद्र पाण्डे, एपीसी विवेक शर्मा सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार महिलांगे, श्रीमती सविता महिलांगे, श्रीमती आकांक्षा अग्रवाल, बीआरपी संतोष महिलांगे का सतत मार्गदर्शन रहा।