रायपुर। संकुल स्रोत केंद्र पाहन्दा(अ ) द्वारा डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 130 वीं जयंती के अवसर पर ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया । संकुल स्रोत केंद्र पाहन्दा(अ ) के संकुल शैक्षिक समन्वयक एवम कार्यक्रम के संयोजक ललित कुमार बिजौरा ने बताया कि डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर उनके व्यक्तित्व एवम कृतित्व पर विचार साझा किया गया । ऑनलाइन चर्चा में भाग लेते हुए श्रीमती किरण चन्द्राकर (व्याख्याता शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल अमलेश्वर ) ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने समाज के वंचित वर्ग को शिक्षित व सशक्त किया और हमें हमें न्याय व समता पर आधारित एक ऐसा प्रगतिशील संविधान दिया जिसने देश को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया । श्रीमती शारदा शर्मा ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर हमेशा दलितों के उत्थान के लिए कार्य किया उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा। महेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि बाबा साहेब युग पुरुष थे उनके द्वारा समाज उत्थान के लिए किया गया कार्य हमेशा अनुकरणीय रहेगा । पालक के रूप में डॉ. अश्वनी साहू ने कहा कि वर्तमान सन्दर्भ में बाबा साहेब के जीवन दर्शन को बच्चों को बताना बहुत ही आवश्यक है , उन्होंने ऑनलाइन वेबीनार के माध्यम से आयोजित जयंती कार्यक्रम की सराहना करते हुए बताया कि बाबा साहेब का जीवन संषर्ष का पर्याय था , उन्होंने समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए लगातार संघर्षरत रहे । राजेन्द्र मारकण्डे ने कहा कि बाबा साहेब ने हम सबको दुनिया का सबसे बड़ा संविधान दिया है । आज उनके द्वारा किये गए कार्यों को अनुकरण करने की आवश्यकता है । छात्र– कुमारी सोना गौतम एवम निखिल चतुर्वेदी ने भी डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम के संयोजक एवम संकुल शैक्षिक समन्वयक ललित कुमार बिजौरा ने कहा कि डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान के प्रमुख शिल्पी थे , उन्होंने समतामूलक , न्यायपूर्ण समाज बनाने के लिए आजीवन संघर्ष किया । उनके जीवन तथा विचारों से शिक्षा ग्रहण करके उनके आदर्शों को अपने आचरण में ढालने की आवश्यकता है । महान स्वाधीनता संग्राम सेनानी , संविधान शिल्पी , सामाजिक न्याय के प्रणेता , अद्वितीय विधिवेत्ता , भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर का व्यक्तित्व एवम कृतित्व हम सबके लिए प्रेरणादायी है । बाबा साहेब का विराट जीवन व विचार हमारी प्रेरणा का केंद्र है । उनके द्वारा पोषित सामाजिक न्याय एवम समतामूलक समाज का दीप सदैव प्रज्ववलित रहेगा । ” नींद अपनी खोकर जगाया हमको , आंसू अपने गिराकर हंसाया हमको , कभी मत भूलना उस महान इंसान को , जमाना कहता है बाबा साहेब अंबेडकर जिनको। हेमन्त मढ़रिया ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का जीवन दर्शन मानव समाज के लिए प्रेरणादायी एवम अनुकरणीय है । ऑनलाइन वेबीनार का सफल संचालन हेमन्त मढ़रिया ने एवम आभार प्रदर्शन ललित कुमार बिजौरा ने किया । वेबीनार में छात्र , पालक एवम शिक्षकों ने भाग लिया ।

