Thursday, December 11

हिंदू धर्म में कई सारे देवी देवताओं की पूजा की जाती है. इनमें लक्ष्मी माता का विशेष महत्व माना जाता है. कहा जाता है कि यदि ये देवी खुश हो जाएं तो कोई भी व्यक्ति धनवान हो जाता है और अगर रूठ जाएं तो व्यक्ति आर्थिक संकट से जूझने लगता है. वास्तु शास्त्र में माता लक्ष्मी को खुश करने के लिए उपाय बताए गए. जिससे आप मां लक्ष्मी को खुश करने की कोशिश कर सकते हैं.
तुलसी-
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्णा ही तुलसी को पृथ्वी पर लाए थे. बिना तुलसी के पत्ती के श्री कृष्ण भोग ग्रहण नहीं करते हैं. मान्यता ये है कि तुलसी में मां लक्ष्मी का वास होता है. वास्तु के मुताबिक तुलसी पूर्व दिशा में लगानी चाहिए. घर पूर्व दिशा में जगह न मिले तो घर में उत्तर दिशा में भी तुलसी को लगायाा जा सकता है. ऐसा करने से घर में लक्ष्मी माता का वास होता है.
शंख-
हिंदू धर्म में शंख को विशेष महत्व दिया जाता है. भगवान की पूजा करते वक्त शंख बनाजे की परंपरा बरसों से चली आ रही है. धर्म के आधार पर शंख इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे भगवान नारायण धारण करते हैं. विष्णु पुराण में कहा गया है कि शंख में देवी लक्ष्मी का वास होचता है. ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के लिए भगवान विष्णु ने कच्छप का अवतार लिया था. जब समुद्र मंधन से 14 रत्न प्राप्त हुए थे. आखिर में देवी लक्ष्मी भी समुद्र से ही अवतरित हुई थीं. समुद्र में शंख निकला था जिसके अंदर से देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं. तब भगवान विष्णु ने शंख को धारण करके मां लक्ष्मी से विवाह किया था. इसलिए घर में शंख रखना शुभ माना जाता है. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि घर में सिर्फ दक्षिणमुखी है.शंख ही घर पर रखें.
झाड़ू-
घर की साफ सफाई में काम आने वाली झाड़ू का वास्तु शास्त्र में बहुत महत्व है . मान्यता है कि झाड़ू में देवी लक्ष्मी का वास होता है. वास्तु शास्त्र में इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि झाड़ू में पैर लगाते हैं या फिर उसे किसी को दान देते हैं तो इससे देवी लक्ष्मी आपसे रूठ सकती हैं, जिससे आर्थिक संकट में पड़ सकते हैं. इसलिए अक्सर कहा जाता है कि झाड़ू शनिवार के दिन ही खरीदनी चाहिए.

Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
Exit mobile version