रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के अन्तर्गत छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र किसानों को कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में विभिन्न विषयों पर रोजगारमूलक प्रशिक्षण देकर उनकी आय बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसी कड़ी में कृषि विज्ञान केन्द्र, महासमुंद द्वारा क्षेत्र के किसानों के लिए पिछले दो दिनों में मधुमक्खी पालन और बटेर पालन पर एक-एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें इन विषयों की तकनीकी जानकारी दी गई। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, महासमुन्द द्वारा बटेर पालन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कल मंगलवार को किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय जैव प्रबंधन संस्थान, रायपुर के निदेशक सह कुलपति डॉ. पी. के. घोष थे। कार्यक्रम के दौरान डॉ. पी. के. घोष ने कृषकों को संबोधित करते हुए कहा कि बटेर पालन एक लाभदायक व्यवसाय है, जिसे अपनाकर कृषक अपनी आय में दुगनी वृद्धि कर सकते हैं। डॉ. घोष ने कृषि विज्ञान केन्द्र महासमुंद के विभिन्न इकाइयों का भ्रमण किया और केन्द्र द्वारा किसानों के हित में किये जा रहे कार्यों की सराहना की। इस दौरान उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र परिसर में पौध रोपण भी किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की कोर्स डायरेक्टर श्रीमति ममता चौधरी (पशुपालन रोग) वरिष्ठ वैज्ञानिक राष्ट्रीय जैविक प्रबंधन संस्थान, रायपुर द्वारा चूजों, ग्रोवर और लेयर्स की भोजन तथा बीमारी प्रबंधन विषय पर कृषकों को विस्तृत जानकारी दी गई। कृषि विज्ञान केन्द्र, महासमुन्द द्वारा सोमवार 21 जून को जनजातीय उप योजनांतर्गत मधुमक्खी पालन विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय जैविक स्टेऊस प्रबंधन संस्थान, रायपुर (भा.कृ.अनु.परि.) के संयुक्त संचालक डॉ. अनिल दीक्षित थे। डॉ. दीक्षित ने कृषकों को मधुमक्खियों पर कीटनाशकों के उपयोग से होने वाले दुष्प्र्रभावों के बारे में जानकारी दी गई। कृषि विज्ञान केन्द्र, महासमुंद के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. एस. के. वर्मा ने उद्यानिकी फसलो में परागण के महत्व के बारे में कृषकों को जानकारी दी। कार्यक्रम समन्वयक श्री एस.एम. अली हुमायुँ ने मधुमक्खी पालन, रोग नियंत्रण, मौन गृह के रख रखाव आदि विषय पर उपस्थ्ति कृषकों को विस्तृत जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विकास ग्राम छिदौली, खण्ड पिथौरा के 28 कृषकों ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया इस दौरान विषय विशेषज्ञों द्वारा मधुमक्खी पालक कृषकों की समस्याओं का समाधान किया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक, कार्यक्रम समन्वयक एवं कृषक उपस्थित थे।
Previous Articleआयुक्त एवं अपर आयुक्त के मध्य नया कार्य विभाजन
Next Article नशा छुड़ाने जागरुकता अभियान, बताए जाएंगे दुष्प्रभाव
Related Posts
chhattisgarhrajya.com
ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
Important Page
© 2025 Chhattisgarhrajya.com. All Rights Reserved.
