रायपुर । प्रदेश की सरकार को शहरी एवं आंचलिक पत्रकारों ने इसी शर्त पर अपना समर्थन दिया था कि सरकार आने के बाद सरकार सबसे पहले पत्रकार सुरक्षा कानून बनाएगी. वहीं ढाई बरस बीत जाने के बाद भी ऐसा नहीं हो पा रहा ,बिलासपुर में अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के कार्यक्रम में भूपेश बघेल जब विपक्ष की भूमिका निभा रहे थे, तब इस बात की सहमति दी थी की हमारी सरकार आएगी तो सबसे पहले पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाएगा ।
पत्रकार सुरक्षा अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने कहा कि भूपेश सरकार की अब उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. यदि सरकार बनाने में पत्रकारों ने आपको सहयोग किया है, तो अपने अधिकार के लिए सरकार के विरोध के भी पत्रकार अपनी भूमिका निभाएंगे. यह तय है कि प्रदेश अध्यक्ष शर्मा का यह बयान आने वाले समय में साफ तौर पर दिखाई भी देगा. इस बाबत अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति की प्रदेश स्तरीय बैठक चर्चाओं का दौर भी प्रारंभ हो चुका है ।
सरकार बनी और भूपेश बघेल ने कानून बनाने की प्रकिया को आगे बढ़ाकर विधानसभा पटल में रख इसको आगे बढ़ाने का प्रयत्न किया. मुख्यमंत्री ने एक रिटायर्ड हाईकोर्ट के जज की समिति बनाकर पत्रकार सुरक्षा कानून को कानून के रूप में शामिल करने पर सहमति दी ।
सरकार द्वारा बनाई गई समिति ने इन ढाई सालों में पत्रकारों के साथ दो से तीन बैठक कर सुरक्षा कानून के मसौदे पर चर्चा एव सुझाव मंगाए, जिसे पत्रकार सुरक्षा समिति ने समय समय पर दिया भी. लेकिन अब सरकार की नीयत बदली हुई नजर आ रही है, क्योंकि कानून का प्रारूप लगभग तैयार हो गया है, वहीं सरकार इसे लागू करने के मूड में नहीं देखी जा रही ।

