Monday, December 8

बस्तर का अबुझमाड देश दुनिया के लिए अबूझ पहेली बना हुआ है . अबूझमाड़ के राजस्व सर्वे को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। जिला गठन के 13 साल बाद सिर्फ एक ही गांव कुरूषनार का सर्वे हो पाया है। आजादी के कई दशक के बाद भी अबूझमाड़ का राजस्व सर्वे पहले भौगोलिक विषमता और अब नक्सली धमक के कारण लटका पड़ा है। शासन की योजनाएं मसलन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि का लाभ अबूझमाड़िया नहीं ले पा रहे हैं। समर्थन मूल्य पर कृषि उपज नहीं बेच पा रहे। ओरछा ब्लॉक जिसमें माड़ का इलाका आता है में जिसकी लाठी उसकी भैंस की स्थिति है। यहां जमीन की खरीद-बिक्री नहीं होती। ग्रामीणों के कब्जे मेें जो जमीन है उसे बाहरी लोग बेहद कम मूल्य पर खरीद रहे हैं। शासन को राजस्व की हानि हो रही है। सर्वे नहीं हुआ है इसलिए रिकार्ड में यहां न वनभूमि है न राजस्व भूमि। भूमि न होने से अबूझमाड़िया बच्चों का जाति या निवास प्रमाणपत्र नहीं बन पाता है। इन्हेंं बैंकों से कृषि ऋण नहीं मिलता। अबूझमाड़िया अब भी आदिम युग में जी रहे हैं। माड़ के सैकड़ों परिवार नक्सल भय से दूसरी जगहों पर बस गए हैं। उनके कब्जे की जमीन पर कोई और कब्जा कर रहा है और वे दावा भी नहीं कर सकते। बस्तर संभाग के नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों के बीच घने वनों और ऊंचे पहाड़ों से घिरे अबूझमाड़ में 237 गांव हैं। यह इलाका 44 सौ वर्ग किमी में फैला है। इस इलाके में अति पिछड़े अबूझमाड़िया जनजाति के लोग निवासरत हैं। यहां पानी, बिजली, सड़क जैसे बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। नमक और राशन के लिए आज भी माड़ के लोग 60-70 किमी तक पैदल चलते हैं। माड़िया आदिवासी सामूहिक रूप से पहाड़ी ढलानों पर चल या झूम खेती करते हैं और मुख्य तौर पर शिकार पर निर्भर हैं। इसी इलाके में आमोद प्रमोद के केंद्र घोटुल की संस्कृति पाई जाती है।

अबूझमाड़िया आज भी आदिम युग में जी रहे हैं। 1989 में बीबीसी ने माड़ के घोटुल पर एक स्टोरी चलाई थी जिसमें आपत्तिजनक तस्वीर लगी थी। इसके बाद तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार ने अबूझमाड़ में बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। 2009 में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रतिबंध हटाया। इस इलाके में नक्सलियों का वर्चस्व है। नारायणपुर के विधायक चंदन कश्यप ने अबूझमाड़ के सर्वे का सवाल विधानसभा में उठाया था। इसके जवाब में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने सोमवार को बताया कि वहां सिर्फ एक गांव का सर्वे हुआ है। 236 गांवों का सर्वे होना बाकी है।  माड़ का सेटेलाइट सर्वे हो चुका है पर भौतिक सर्वे के लिए राजस्व विभाग की टीम पहुंच ही नहीं पा रही है।

Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
Exit mobile version