नई दिल्ली(नम्रता वर्मा)। गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन ने 2 से 5 जुलाई तक ऑनलाइन मेडिटेशन एन्ड ब्रेथ वर्कशॉप का आयोजन किया। इसके तहत देशभर के अलग अलग हिस्सों में आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षकों ने लोगों को सुदर्शन क्रिया और ध्यान के माध्यम से स्वस्थ्य और तनावमुक्त रहने की विधि सिखाई। ऐसा ही एक कोर्स पांच प्रशिक्षकों के एक समूह ने लिया। दो बैच में चलने वाले इस कोर्स में सौ से भी अधिक लोगों ने भाग लिया। चार दिवसीय शिविर के अंतिम दिन प्रतिभागियों ने बताया कि पहले से बेहतर महसूस कर रहे हैं, मन शांत है और सकारात्मकता का अनुभव हो रहा है। कोर्स में देश के अलग-अलग राज्यों से लोग जुड़े। कोविड-19 के इस दौर में न केवल हमें अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना है बल्कि अपने मन की स्थिति और मन में उठने वाले अलग अलग भावनाओं के प्रति भी सजग रहना है। नकारात्मकता के इस दौर में ध्यान ही है जो आपको शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूप से स्वस्थ्य रखता है। यह पूछने पर कि सुदर्शन क्रिया क्या है, आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक बताते हैं कि गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर जी ने सांस लेने की एक लयबद्ध विधि का सृजन किया, जिसे सुदर्शन क्रिया नाम दिया गया, इसके निरंतर अभ्यास से अनेकानेक शारीरिक और मानसिक व्याधियों से छुटकारा मिल जाता है , जिससे व्यक्ति के जीवन में प्रसन्नता और शांति दोनों ही बढ़ती है। सौ से भी अधिक प्रतिभागियों को यह कोर्स सिखाने वाले शिक्षकों में हेमंत उपाध्याय (उत्तरप्रदेश), अंकिता लोहिया (पश्चिम बंगाल), सुशांत कश्यप (हिमाचल प्रदेश), पूजा जिंदल (छत्तीसगढ़), दीप्ति थापा (मध्यप्रदेश) और मीना अग्रवाल (असम) से शामिल थे। पूरे देश में इस कोर्स से तीस हजार से भी अधिक लोग लाभान्वित हुए। ज्ञात हो कि आर्ट ऑफ लिविंग संस्था विश्व के 156 देशों में कार्य करती है और दुनिया भर के लोगों को सुदर्शन क्रिया और ध्यान के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण जीवन बिताने की रीति सिखाती है। दुनिया भर में आज लाखों की संख्या में लोग सुदर्शन क्रिया का नियमित अभ्यास कर रहे हैं।
What's Hot
नकारात्मकता के इस दौर में ध्यान ही है जो आपको शारीरिक और मानसिक रुप से स्वस्थ रखता है…, आर्ट ऑफ लिविंग के ध्यान शिविर से लोगों ने सीखे तनावमुक्त रहने के गुर
Related Posts
chhattisgarhrajya.com
ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
Important Page
© 2025 Chhattisgarhrajya.com. All Rights Reserved.
