रायपुर। मुख्य सचिव आर.पी. मंडल ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस से सभी संभागायुक्तों, कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से चर्चा कर प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति, जांच और इलाज की व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने कोविड-19 के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी जिलों के कोविड केयर सेंटर्स में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण की पहचान के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच करने को कहा। साथ ही राजनांदगांव, बिलासपुर और अंबिकापुर मेडिकल कॉलेजों में भी जल्द जांच शुरू करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने सर्दी, बुखार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत और श्वसन संबंधी गंभीर बीमारी से जूझ रहे ज्यादा जोखिम वाले लोगों की जांच प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभिन्न तरह के को-मोरबिडिटी से पीडि़त लोगों की भी तत्परता से जांच कर सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने को कहा है। श्री मंडल ने कोविड-19 पॉजिटिव्ह पाए गए लोगों की तेजी से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करने को कहा है ताकि संक्रमण की संभावना को कम किया जा सके। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा टीम लगाकर एक्टिव सर्विलांस के भी निर्देश दिए। उन्होंने लॉक-डाउन वाले शहरों में लॉक-डाउन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करवाने कहा। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में कलेक्टरों को कोविड-19 के बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए होम-आइसोलेशन की अनुमति के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में प्रयोग के तौर पर इसकी अनुमति दी जा सकती है। होम-आइसोलेशन की इच्छा जाहिर करने वाले ऐसे व्यक्तियों जिनके घर में पर्याप्त संख्या में कमरें और कम से कम दो शौचालय हों, उन्हें ही इसकी अनुमति दें। श्री साहू ने होम-आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को इसके दिशा-निर्देशों के बारे में विस्तार से जानकारी देने को कहा। साथ ही उनसे नियमों का उल्लंघन न करने संबंधी घोषणा-पत्र भरवाकर होम-आइसोलेशन वाले घरों में इसकी जानकारी के लिए स्टीकर चस्पा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कलेक्टरों को ईद, रक्षाबंधन और गणेश पूजा में भीड़ रोकने तथा शारीरिक-सामाजिक दूरी बनाए रखने स्थानीय स्तर पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा। स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में बताया कि कोविड-19 पर नियंत्रण और इसके पीड़ितों की पहचान के लिए जांच की क्षमता लगातार बढ़ाई जा रही है। इलाज और आइसोलेशन सुविधाओं का भी विस्तार किया जा रहा है। प्रदेश के तीन मेडिकल कॉलेजों राजनांदगांव, बिलासपुर और अंबिकापुर में स्थापित उच्च स्तरीय बीएसएल-2 लैब में आरटीपीसीआर जांच की अनुमति मिल गई है। इन संस्थानों में जल्दी ही सैंपल जांच शुरू हो जाएगी। इनके शुरू होने से प्रदेश में सात संस्थानो में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा हो जाएगी। प्रदेश भर में ट्र-नाट मशीनों और रैपिड एंटीजन किट से भी जांच कर अधिक से अधिक लोगों को जांच के दायरे में लाया जा रहा है। स्वास्थ्य सचिव ने सभी जिलों में लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों में और बिना लक्षण वाले लोगों के उपचार के लिए कोविड केयर सेंटर्स में पर्याप्त संख्या में बिस्तरों एवं अन्य सुविधाओं का इंतजाम रखने को कहा है। उन्होंने कलेक्टरों को डॉक्टरों और नर्सिंग स्टॉफ के रहने की समुचित व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने कोविड अस्पतालों में लगातार ड्यूटी कर रहे मेडिकल स्टॉफ को क्वारेंटाइन करने की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। वीडियो कॉन्फ्रेंस में वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी और संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बंसोड़ भी मौजूद थे।
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मुख्य सचिव ने की कोविड-19 की स्थिति, जांच और इलाज की व्यवस्थाओं की समीक्षा, राजनांदगांव, बिलासपुर और अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में भी आरटीपीसीआर जांच की अनुमति, तीनों संस्थानों में जल्द जांच शुरू करने कहा
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