Monday, July 28

चीन में कोरोना संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है और लगातार बढ़ते मामलों के बीच वहां पर स्वास्थ्य से जुड़ी व्यवस्था गड़बड़ा गई हैं. लोगों को इलाज के लिए खासा संघर्ष करना पड़ रहा है.

अब खबर है कि चीन में कोरोना वैक्सीन को लेकर जारी संकट के बीच ज्यादातर युवा खुद को जानबूझकर संक्रमित कर रहे हैं ताकि उनके शरीर में एंटीबॉडी बनी रहे और उन्हें घूमने-फिरने में कोई दिक्कत न हो.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, शंघाई में एक 27 वर्षीय युवा जिसे अभी तक एक भी चाइनीज वैक्सीन नहीं लगी है, का कहना है कि उसने स्वेच्छा से खुद को कोरोना से संक्रमित किया. उसका कहना है, “क्योंकि मैं अपनी छुट्टियों की योजना को बदलना नहीं चाहता था.” वह आगे बताता है, “मुझे पता था अगर मैं एक बार रिकवर हो गया तो अपनी छुट्टियों के दौरान फिर से संक्रमित नहीं हो पाऊंगा.” वह यह स्वीकार करता है कि उसे संक्रमण के साथ मांसपेशियों में दर्द की उम्मीद नहीं थी, लेकिन संक्रमण के लक्षण उम्मीद से कहीं अधिक रहे थे.

‘बेहद दर्दनाक साबित हुई रिकवरी’ – एक अन्य महिला, जो शंघाई की ही रहने वाली है, ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि वह अपने दोस्त से मिलने गई थी, जो कोरोना से संक्रमित था, “ताकि मुझे भी कोरोना हो सके”. हालांकि, वह कहती है कि बीमारी से ठीक होना काफी दुखदायी रहा, “मैंने सोचा था कि यह ठंड लगने जैसा होगा लेकिन यह बहुत अधिक दर्दनाक साबित हुआ.”हालांकि लोगों को इस बात को लेकर ज्यादा चिंता है कि सख्त कोरोना नियमों में ढील दिए जाने का असर बुजुर्गों पर कैसे पड़ेगा.

29 वर्षीय एक युवती जो उत्तरी झेजियांग प्रांत में जियाक्सिंग में स्थित सरकार द्वारा संचालित बिजनेस के लिए काम करती है, कहती है कि जब उसने सुना कि देश के बॉर्डर फिर से खुल रहे हैं तो वह रोमांचित हो गई. वह कहती हैं, “जिंदगी कितनी बकवास हो गई थी, मुझे ट्रेवल करने के लिए अपने मैनेजर से परमिशन लेनी पड़ी. मैं चाहती हूं कि जीवन फिर से सामान्य हो जाए. लेकिन मुझे बुजुर्गों को लेकर चिंता हो रही है.”

उसने उस दौर के बारे में बताया कि जब उसके दादा कोरोना से संक्रमित हो गए थे वह बताती हैं, “उन्होंने अस्पताल जाने से इनकार कर दिया, तब भी जब उनकी हालत बेहद खराब हो गई थी. साथ ही अस्पतालों में मरीजों की भारी-भरकम संख्या और श्मशान घाटों पर शवों की स्थिति की खबरों ने हमारी चिंता को काफी बढ़ा दिया था.”

‘दूसरी लहर आई तो क्या होगा’

एक अन्य चीनी महिला का कहना है कि उनके पति ने कभी वैक्सीन नहीं लगवाई है क्योंकि वह एडवांस डायबिटीज से पीड़ित हैं. लॉकडाउन हटने के बाद वह घर पर ही रही और घर आने वाली हर डिलीवरी को कीटाणुरहित भी किया, लेकिन पति-पत्नी दोनों को फिर से कोरोना हो गया. उनकी बेटी, जो भी कोरोना से संक्रमित कोविड से भी बीमार रहीलियू कहती हैं, “मेरे पति जल्दी से रिकवर हो गए. यह मेरे लिए राहत की बड़ी बात है, लेकिन जब दूसरी लहर आएगी, तो उनका क्या होगा?”

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