Monday, July 28

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन कार्यक्रम संपन्न हो चुका है. इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी, क्रस्स् प्रमुख मोहन भागवत और साधु संतों समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे. अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के लिए भूमिपूजन आज दोपहर 12.30 बजे शुरू हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिला पूजन, भूमि पूजन और कर्म शिला पूजन किया. मुख्य पूजा दोपहर 12.44 और 12.45 बजे के बीच 32-सेकंड के दौरान अभिजीत मुहूर्त में आयोजित की गई. माना जाता है कि इसी मुहूर्त में भगवान राम का जन्म हुआ था. प्रधानमंत्री मंदिर निर्माण की शुरुआत के प्रतीक के रूप में 40 किलो की चांदी की ईंट रखी गई. मोदी के अयोध्या में लगभग तीन घंटे बिताने की संभावना है.
पीएम मोदी ने भाषण की शुरुआत जय सिया रामा से की. उन्होने कहा कि आज ये जयघोष सिर्फ सियाराम की नगरी में नहीं सुनाई दे रहा, बल्कि इसकी गूंज पूरे विश्व भर में सुनाई दे रही है. सभी देशवासियों और राम भक्तों को कोटि-कोटि बधाई. ये मेरा सौभाग्य है कि रामंदिर तीर्थ ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित किया और इस पल का साक्षी मनने का अवसर दिया. राम मंदिर पूजन के लिए कई सदियों तक कई पीढय़िों ने एकनिष्ठ प्रयास किया. आज का दिन उसी तप और त्याग और संकल्प का प्रतीक है. पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था दर्पण भी था. संघर्ष भी था और संकल्प भी था. जिनकी तपस्या राम मंदिर में नींव में जुड़ी हुई है उनके लिए मैं सिर झुकाकर नमन करता हूं. उनका अभिनंदन करता हूं. क्या कुछ नहीं हुआ हमारा संकल्प मिटाने के लिए, लेकिन राम हमारे मन में हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं. राम के सब काम हनुमान ही तो करते हैं, कलियुग में भी राम के मंदिर की जिम्मेदारी उन पर है. पीएम बोले-राम मंदिर हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा, करोड़ों लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का प्रतीक बनेगा. ये मंदिर आने वाली पीढय़िों को संकल्प का संदेश देता रहेगा. यहां सिर्फ मंदिर ही नहीं बनेगा, बल्कि पूरी अयोध्या का आर्थिक विकास होगा. पूरी दुनिया के लोग यहां आएंगे. पूरी दुनिया के लोग माता जानकी के दर्शन करने यहां आएंगे. राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया राष्ट्र को जोडऩे का उपक्रम है. नर को नारायण से और लोक को आस्था से जोडऩे का का काम है राम मंदिर निर्माण. कोरोनावायरस से बनी हुई स्थिति के कारण ये कार्यक्रम कई मर्यादा के बीच हो रहा है. मर्यादा पुरुषोत्तम राम के मंदिर निर्माण के लिए जिस मर्यादा का पालन किया जाना चाहिए वैसा ही आज किया जा रहा है. आज भी हम हर तरफ कोरोनावायरस के दौरान अपनाई गई मर्यादा देख रहे हैं. इतिहास सिर्फ रचा नहीं जा रहा बल्कि इतिहास दोहराया भी जा रहा है. जिस तरह केवट, वानरों को राम के ध्येय को पूरा करने का सौभाग्य मिला उसी तरह आज हमें ये सौभाग्य प्राप्त हो रहा है. पीएम ने कहा कि हम जानते हैं कि जिस तरह पत्थरों पर श्रीराम लिखकर राम सेतु बनाया गया, उसी तरह घर-घर से पूजी शिलाएं यहां पूजा स्रोत बनीं. देश की कई नदियों से लाया गया जल यहां के लिए महत्वपूर्ण बनी. सहयोग की शक्ति आज पूरी दुनिया के लिए शोध का विषय बन गई है. श्रीराम इसलिए भारत के लिए प्रकाश स्तंभ बने हुए क्योंकि उन्होंने सामाजिक समरसता को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया. राम प्रजा से एक समान प्रेम करते हैं, लेकिन दुखियों और गरीबों पर उनकी विशेष कृपा रहती है. देश की विभिन्नता में एकता का संदेश राम देते हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग भाषाओं में आपको रामायण मिलेगी. अलग-अलग रामायणों में अलग-अलग जगहों पर भिन्न भिन्न स्वरूपों में राम हैं. यानि राम सब जगह हैं, सबके राम हैं. दुनिया के कई देशों में राम को मानने वाले लोग हैं. विश्व की सबसे बड़ी मुस्लिम जनसंख्या इंडोनेशिया है वहां भी कई अनूठी रामायण हैं, राम आज भी वहां पूजनीय है. ईरान और चीन में भी राम कथा का विवरण हैं, नेपाल का रामायण से संबंध माता जानकी से जुड़ा हुआ है. दुनिया के कई देशों में किसी न किसी रूप में रचे बसे हैं. आज इन देशों के लोगों को राम मंदिर निर्माण का काम शुरू होने से सुखद अनुभूति हो रही होगी. शास्त्र कहते हैं कि राम जैसा शासक इस दुनिया में कभी हुआ ही नहीं. पीएम मोदी बोले- श्रीराम ने कहा कि अपनी शरण में आए हर किसी की रक्षा करनी चाहिए. ये भी श्रीराम की नीति है कि हमारा देश जितना देश ताकतवर होगा शांति बनी रहेगी. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इन्हीं सूत्रों और नियमों के तहत रामराज्य का सपना देखा था. राम समय काल और परिस्थितियों के हिसाब से काम करते हैं. वो हमें समय के साथ बढऩा सिखाते हैं, उनके हिसाब से चलना सिखाते हैं. उनकी प्रेरणा और आदर्शों के साथ भारत आज आगे बढ़ रहा है. श्रीराम ने विरोध से निकलकर बोध और शोध का मार्ग दिखाया है. हमें उनके नियमों के मुताबिक राम मंदिर की शिलाओं को जोडऩा है. हमें सबकी भावनाओं का ध्यान रखना है, हमें सबके विश्वास से सबका विकास करना है. हमें एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है. आज की मर्यादा है दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी- सभी के स्वास्थ्य की शुभकामनाओं के साथ देश के सभी नागरिकों को कोटि-कोटि प्रणाम. मेरे साथ-साथ बोलिए सियापति रामचंद्र की जय.
सीएम योगी बोले-सदियों का संकल्प हुआ पूरा
इस दौरान सीएम योगी ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारा सदियों का संकल्प पूरा हुआ. उन्होंने कहा कि हमारे लिए ये उल्लास का दिन. उन्होंने कहा-पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और उसकी न्यायपालिका की शक्ति ने दुनिया को दिखा दिया है कि शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और संवैधानिक रूप से हल किए गए मामले कैसे हो सकते हैं.
मोहन भागवत बोले सबके हैं राम
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पूरे देश में आनंद की लहर है. अशोक जी यहां रहते तो कितना अच्छा होता , जो है वो मन से और जो नहीं है वो भी इस आनंद को उठा रहे हैं, इस आनंद में एक उत्साह है. उन्होंने कहा कि परम वैभव और सबके कल्याण का शुभारम्भ आज है. सब राम के हैं और सब में राम हैं, इसीलिए यहां मंदिर बनेगा,भव्य मंदिर बनेगा.
महंत नृत्य गोपाल दास बोले-अब नहीं तो कब बनेगा मंदिर
एक मोदी और एक ओर योगी तो अब राम मंदिर नहीं बनेगा तो कब बनेगा. सबकी यही इच्छा थी कि जहां राम लला विराजमान हैं, वहां भव्य राम बनना चाहिए, इसके लिए सभी लोग तन मन धन से तैयार हैं. सभी भक्तो की मनोकामना पूर्ण होगी. अब जनता की इच्छा के अनुसार इसका कार्य पूर्ण हो जाना चाहिए. (एजेंसी)

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