Tuesday, June 24

कांग्रेस ने मेरी योग्यता का कोई मूल्यांकन नहीं किया। भाजपा सरकार ने मूल्यांकन किया और वर्ष 2015 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि जब भाजपा मुझसे प्रेम करती है तो मैं भी उससे प्रेम करता हूं। मैं भविष्यवाणी कर रहा हूं कि तीसरी बार भी नरेन्द्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे। यह बात भेल दशहरा मैदान पर चल रही श्रीराम कथा के छठवें दिन शनिवार को जगत गुरु रामभद्राचार्य ने कही।

तीन प्रमुख कार्य करना है – उन्होंने कहा कि इस बार तीन प्रमुख कार्य करना है, इसमें गोवध बंद कराना, हिन्दी को राष्ट्रभाषा और रामचरित मानस को राष्ट्रग्रंथ घोषित करवाना है। इस मौके पर महाराज ने कहा कि अयोध्या रामजी की थी और रहेगी। रामभद्राचार्य महाराज ने लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि मैंने कभी भी खुद को दिव्यांग नहीं माना और न ही इस श्रेणी में मिलने वाली कोई सुविधा ली। महाराज ने कहा कि संतों को अवश्य राजनीति में पढ़ना चाहिए पर अपने स्वार्थों के लिए नहीं।

भोपाल के नाम बदलने की उठाई मांग– रामभद्राचार्य महाराज ने अपनी 1361वीं कथा में प्रदेश पुण्यदायिनी नदी नर्मदा की जयंती है। इनका उद्गम अमरकंटक में हुआ था। महाराज ने बताया कि नर्मदा की गोद में शिव जी भी नर्मदेश्वर बनकर खेलते हैं। यहां शिवजी हरिहर के रूप में हैं। इस मौके पर धन-धन नर्मदा मैया, लेहूं मैं तोहरी बलैइया जैसी सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी। आगे की कथा में कहा कि सब द्विज देहुं हरषि अनुशासन, रामचंद्र बैठहिं सिम्हासन, महाराज ने बताया कि वशिष्ट जी ने सभी ब्राह्मणों से कहा कि सभी लोग प्रसन्नता पूर्वक अनुशासन दीजिए की रामचंद्र सिंम्हासन पर बैठें। उसी तरह मैं मध्य प्रदेश सरकार को अनुशासन दे रहा हूं कि भोपाल का नाम भोजपाल करें, तभी मेरी कथा सफल होगी। बीजेपी सरकार ही भोपाल को भोजपाल बनाएगी।

रामचंद्र में 16 कलाएं थी

रामभद्राचार्य महाराज ने बताया कि चंद्रमा की तरह रामचंद्र में भी 16 कलाएं थी। उन्होंने पहली कला अयोध्यावासियों को दी। दूसरी कला वशिष्ट जी को दी। तीसरी कला विश्वामित्र को दिया। चौथी कला अहिल्या को और पांचवी कला सीता जी को दी। महाराज ने बताया कि रामजी ने ताडक़ा का वध किया, अहिल्या का उद्वार किया और सीता का शृंगार किया। आगे की कथा में विश्वामित्र द्वारा यज्ञ की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण को मांगने जाना। ताड़का का वध, अहिल्या का उद्धार की कथा सुनाई। इसके बाद धनुष यज्ञ और सीता स्वयंवर की कथा सुनाते हुए झुक जइयो ललन एक बार किशोरी मोरी छोटी सी जैसी सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी। इसके बाद लक्ष्मण परशुराम संवाद का वर्णन किया। कथा के शुरुआत में नारायण सिंह परमार के नेतृत्व में परमार समाज के लोगों ने भोपाल का नाम भोजपाल करने की पहल करने पर महाराज का सम्मान किया। कथा में मुख्य यजमान शुभावती-हीरा प्रसाद यादव हैं। कथा सुनने पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, आबकारी अधिकारी हुकुम सिंह भदौरिया, मेट्रो प्रोजेक्ट के डायरेक्टर अजय शर्मा, श्रीकृष्ण मंदिर अध्यक्ष राजेंद्र सिंह यादव, मेला समिति के अध्यक्ष सुनील यादव, संयोजक विकास वीरानी, महामंत्री हरीश कुमार राम, उपाध्यक्ष विरेंद्र तिवारी के साथ ही मेला मेला समिति के पदाधिकारी मौजूद रहे।

WhatsAppFacebookTelegramGmailShare
Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
June 2025
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
Exit mobile version