दादर में रह रहा परिवार अक्सर अपनी 10 साल की बेटी के पेट में रुक-रुक कर होने वाले दर्द से चिंतित था. कई डॉक्टर ने उसकी बेटी का इलाज किया लेकिन वो इलाज करने में नाकाम रहे. बच्ची के माता-पिता ये सुनकर चौंक गए जब उसे पता चला कि उसकी बेटी के पेट में बालों का गुच्छा है. दरअसल इस बीमारी को ट्राइकोफैगिया कहते हैं. इस बीमारी में ये होता है कि व्यक्ति अपने बाल को खुद खाने लगता है. डॉक्टर ने बच्ची के परिजन को बालों के गुच्छे को सर्जरी कर उसे हटाने का सुझाव दिया. लड़की की मां ने कहा, मेरी बेटी के पेट में रुक-रुक कर दर्द हो रहा था जो समय के साथ और बढ़ गया था. हम चिंतित थे क्योंकि दवा देने के बाद भी दर्द बंद नहीं हो रहा था. हमने कई डॉक्टरों को दिखाया लेकिन वे उसका इलाज करने में नाकाम रहे. जब हमें अपनी बेटी के पेट में बालों के गुच्छे के बारे में पता चला तो हम बहुत सदमे में थे. एक साल से अधिक समय से बच्ची बाल खा रही थी लेकिन परिवार को इस बात की भनक तक नहीं थी. इसके बाद उसकी मां उसे आगे के इलाज के लिए वाडिया अस्पताल ले गई. बाई जेरबाई वाडिया हॉस्पिटल फॉर चिल्ड्रेन के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पराग करकेरा ने कहा, चिकित्सकीय जांच में हमें पेट में गांठ महसूस हुई और हमने मरीज को भर्ती कर लिया. हमने एक सीटी स्कैन किया जिसमें पेट में बालों का गुच्छा दिखाई दे रहा है. 27 फरवरी को हमने उसका ऑपरेशन किया और दो घंटे की सर्जरी के बाद 100 ग्राम बालों के गुच्छे को हटा दिया गया. मैंने सुझाव दिया कि उसके माता-पिता उसे इलाज के लिए मनोचिकित्सक के पास ले जाएं क्योंकि अगर वह दोबारा वही काम करती है, तो यह उसके लिए एक समस्या होगी.