Monday, August 4

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर

1000 एकड़ से अधिक रकबा में औषधीय पौधों की खेती

परंपरागत खेती की तुलना में दोगुना से ज्यादा लाभ

रायपुर.

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर

राज्य में छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड द्वारा संचालित विभिन्न योजनांतर्गत औषधीय पौधों की खेती को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत वर्तमान में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु के अनुकूल प्रजातियों का चयन कर लगभग 1000 एकड़ से अधिक रकबा में औषधीय प्रजातियों का कृषिकरण कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के कुशल मार्गदर्शन में वर्तमान में पायलट परियोजना अंतर्गत लेवेंडर की खेती के लिए छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में अम्बिकापुर, मैनपाट, जशपुर और रोजमेरी मध्य क्षेत्र बस्तर तथा मोनाड्रा सिट्रोडोरा का कृषिकरण कार्य को बढ़ावा देने चिन्हांकित किया गया है। औषधीय एवं सुगंधित प्रजातियों के कृषिकरण कार्य से किसानों को परंपरागत खेती से दोगुना अथवा इससे भी अधिक लाभ प्राप्त होता है। औषधीय पादप बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री जे.ए.सी. राव ने बताया कि नेशनल एरोमा मिशन योजना अंतर्गत राज्य में छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं पादप बोर्ड के सहयोग द्वारा औषधीय एवं सुगंधित पादपों का कृषिकरण कार्य जारी है। इस मिशन योजनांतर्गत लेमनग्रास, सीकेपी-25 (नींबू घास) का कृषिकरण किया जा रहा है। योजनांतर्गत मुख्य रूप से कृषक समूह तथा किसानों को कृषिकरण की तकनीकी जानकारी, रोपण सामग्री की उपलब्धता तथा आश्वन मशीन उपलब्ध कराने जैसे हर तरह की मदद दी जा रही है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 12 समूहों द्वारा कार्य किया जा रहा है, जिसमें एक समूह जिला महासमुंद अंतर्गत ग्राम-चुरकी, देवरी, खेमड़ा, डोंगरगांव, मोहदा व अन्य स्थानों पर कृषिकरण प्रारंभ किया जाकर आश्वन यंत्र के माध्यम से तेल को निकाला जा रहा है। वहां आश्वन यंत्र भी स्थापित किया गया है। लेमनग्रास के कृषिकरण उपरांत प्राप्त होने वाले लाभ परंपरागत कृषि से लगभग दो गुना से ज्यादा है। उक्त योजनांतर्गत छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड द्वारा विपणन कार्य हेतु पूर्व में भी योजनाबद्ध तरीके से उत्पादों को विक्रय करने हेतु विभिन्न संस्थानों से करारनामा किया गया है, जिससे कृषकों को अपने उत्पादों को विक्रय करने में कोई परेशानी न हो। इसी तरह जिला गरियाबंद अंतर्गत समूह द्वारा कार्य प्रारंभ किया गया है। जिसमें बड़ी संख्या में किसानों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर वर्तमान में औषधीय एवं सुगंधित पादपों के कृषिकरण हेतु क्षेत्र का भ्रमण किया गया है। इनमें जिला धमतरी, बस्तर, पेण्ड्रा, दुर्ग के कृषकों के द्वारा 04 समूह तैयार कर निकट भविष्य में औषधीय एवं सुगंधित पादपों का कृषिकरण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। बोर्ड द्वारा लेमनग्रास कृषिकरण के साथ जामारोज सीएन-5 प्रजाति का भी विगत वर्ष में परीक्षण किया गया है, जिसे वर्तमान में बढ़ाया जा रहा है। लगभग 25 एकड़ में जामारोज सीएन-5 प्रजाति एवं 300 एकड़ से अधिक में लेमनग्रास का कृषिकरण किया जा रहा है। वर्तमान में आइ.आई.आई.एम. जम्मू तथा कृषकों द्वारा स्वयं सात आश्वन यंत्र लगाया गया है। साथ ही साथ मिशन अंतर्गत उक्त कार्य के संचालित होने से राज्य में स्थानीय स्तर पर चार से छह हजार परिवारों को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।

Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
August 2025
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
Exit mobile version