पिछले कुछ दशकों में, रिश्तों को लेकर लोगों की सोच में काफी बदलाव हुआ है। लोगों की इसी बदलती सोच ने आजकल के रिश्तों को पहले की तुलना में काफी ज्यादा जटिल बना दिया है। अगर आज के रिश्तों और इन्हें लेकर लोगों की सोच को समझने निकले तो ये एक बेवकूफी भरा काम होगा। आज के लोग तेज-तर्रार हो गए हैं। ये किसी के साथ रिश्ते में आना नहीं चाहते और आ जाए तो वो रिश्ता ज्यादा दिन नहीं चलता है। ऊपर से बची हुई कसर पूरी करने का जिम्मा सोशल मीडिया ने उठा रखा है। तेज़-तर्रार लोगों को एक प्लेटफार्म मिला हुआ है, जहाँ वह जब चाहें जिससे चाहें टेक्स्टिंग, फ़्लर्टिंग से लेकर हुकअप तक की सेटिंग कर लेते हैं। ये एक तरह का पैटर्न है, जिसे आजकल के लोग रिश्तों में आने के लिए फॉलो करते हैं। हालाँकि, रिश्ते सिर्फ इसी पैटर्न पर नहीं चलते हैं। कुछ बुनियादी चरण होते हैं, जिनसे गुजरते हुए रिश्ते आगे ब?ते हैं। आज हम रिश्तों के इन्हीं चरणों के बारे में आपको बताने वाले हैं-
स्टेज 1
किसी को जानने और समझने के पड़ाव को हनीमून स्टेज कहा जाता है। ये स्टेज रिश्ते का सबसे खूबसूरत पड़ाव होती है। इस दौरान लोग एक-दूसरे को जानने और समझने की कोशिश करते हैं और बात को आगे बढ़ाते हैं। रिश्ते का ये खूबसूरत पड़ाव लगभग छह महीने तक चलता है, जो शानदार, मनोरंजक और आकर्षक होता है। इन छह महीनों में लोगों के दिल और दिमाग में होर्मोनों का एक जबरदस्त विस्फोट होता है। ये विस्फोट लोगों को आनंद, खुशी और ऊर्जा देने वाला होता है। एक्सपर्ट्स लोगों को इस स्टेज का आनंद लेने की सलाह देते हैं। लेकिन साथ ही वह लोगों को इस दौरान खुद पर नियंत्रण रखने की सलाह भी देते हैं।
स्टेज 2
हनीमून स्टेज, जो लगभग छह महीने तक रहता है, इसके खत्म होने के बाद मतभेद स्टेज शुरू होता है। ये पड़ाव परेशानियों और लड़ाई-झगड़ों से भरा होता है क्योंकि इस दौरान लोगों की असमानताएं उभरनी शुरू हो जाती है। हनीमून स्टेज पर लोग खुद को बहुत अच्छा बनाकर पेश करते हैं और इस पड़ाव में उनकी असलियत सामने आने लगती है। ये पड़ाव दो से तीन साल तक चलता है। इसमें पार्टनर के लिए प्यार, आकर्षण और दिलचस्पी में कमी आने लगती है। ये पूरी तरह से आम बात है। एक्सपर्ट्स लोगों से इस पड़ाव में रिश्ते को तोड़े बिना अपने मतभेदों को सुलझाने की सलाह देते हैं।
स्टेज 3
मतभेद चरण के बाद, लोग अपने रिश्ते के सबसे बड़े पड़ाव का सामना करते हैं और इसे संघर्ष का चरण कहा जाता है। ये पड़ाव भी दो से तीन साल तक चलता है। इस चरण में लोगों में आक्रोश और हानि की भावना अपने उच्च स्तर पर पहुंच जाती है। इन भावनाओं के पीछे का कारण पिछले चरण के मतभेद, लड़ाई और झगड़ते होते हैं, जिन्हें आमतौर पर लोगों द्वारा अनसुलझा छोड़ दिया जाता है। संघर्ष के चरण में, लोग अपने पार्टनर से कटा हुआ महसूस करने लगते हैं। बहुत से लोग इस दौरान बाहर की गतिविधियों या अन्य लोगों की तरफ आकर्षण भी महसूस करते हैं। बहुत से लोगों का रिश्ता इस चरण पर खत्म हो जाता है।
स्टेज 4
संघर्ष चरण के बाद मरम्मत या खत्म करने का पड़ाव आता है, जिसमें ज्यादातर लोगों की राहें अलग हो जाती है। मतभेद, लड़ाई-झगडे, आक्रोश जब रिश्ते में ज्यादा बढ़ जाता है तब समय फैसले लेने का होता है। रिश्ते में दो ही तरह के फैसले होते हैं या तो चीजें ठीक कर ली जाए या खत्म कर के अलग-अलग रास्तों पर आगे बढ़ा जाए। लड़ाई-झगड़ों और मतभेदों से लड़कर इंसान थक जाता है और वो बस चीजें खत्म करना चाहता है। लेकिन अगर रिश्ते में मरम्मत होने की थोड़ी भी गुंजाइश है तो थोड़ा प्रयास कर के देखा जा सकता है। लेकिन अगर रिश्ता बहुत ही ज्यादा टॉक्सिक हो गया है तो आगे बढऩा बेहतर रहेगा।
स्टेज 5
मरम्मत या खत्म करने के पड़ाव के बाद आता है प्रतिबद्धता/कमिटमेंट का चरण, जो लोगों के लिए कई मायनों में खास होता है। पिछले चरण में जिन्होंने रिश्ते को तोड़ दिया वह एक नयी शुरुआत करेंगे और जिन्होंने साथ रहकर रिश्ते की मरम्मत करने का फैसला किया है वो साथ में अगला कदम बढ़ाएंगे। रिश्ते का ये चरण एक-दूसरे के लिए आपके प्यार को दर्शाता है। लाख परेशानियों के बावजूद आपने एक-दूसरे को चुना है और अब साथ रहने का समय है। इस चरण का आनंद लीजिये और अपनी रोमांटिक साझेदारी को आगे बढाएं।
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शुरुआत से लेकर अंत तक… इन 5 पड़ावों से होकर गुजरता है हर रिश्ता
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