रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग ने शासकीय कर्मचारियों अधिकारियों के वेतन कटौती के 1 दिन के अप्रैल माह के वेतन से कटौती करने हेतु आदेश प्रसारित किया गया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कोषालय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतअध्यक्ष डॉ.जितेंद्र सिंह ठाकुर एवं प्रांतीय महामंत्री दीपक देवांगन ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में पिछले मार्च से लेकर के अब तक कभी भी कोषालय कर्मचारी बेरोक टोक शासन का काम निष्ठापूर्वक करते आया है । कोषालय कर्मचारी संघ के द्वारा मांग की गई थी कोषालय कर्मचारी महत्वपूर्ण कार्य करते हैं जिसका 50 लाख का बीमा होना चाहिए उनका अनदेखी किया गया बल्कि 1 दिन का वेतन जबरन कटौती का आदेश स्वेक्षा से कहने के बाद भी उसे अनिवार्य रूप से समझकर कटवा लिया गया। कोषालय कर्मचारी संघ कोष लेखा लिपिक के वेतन विसंगति दूर करने लंबित महंगाई भत्ता सातवें वेतनमान के एरियर की राशि एवं अन्य मांग किया गया जो आज दिनांक तक लंबित है। इस प्रकार शासन और कर्मचारियों के बीच की कड़ी में ऐसा गलत आदेशों का पालन कब तक चलेगा। वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश के विषय में स्वेक्षा से कटौती के संबंध में लिखते हैं जबकि नीचे सभी आहरण संवितरण अधिकारियों पर दबाव पूर्ण सभी कर्मचारियों के 1 दिन का वेतन कटौती के संबंध में जो आदेश प्रसारित हुआ है कर्मचारी जगत में भ्रम पैदा करता है और दादागिरी के साथ ऐसे कटौती नहीं करवाना चाहिए आदेशानुसार विषय से स्पष्ट होता है स्वेच्छा से अनुदान अर्थात जब कोई कर्मचारी चाहेगा तब उसकी कटौती एक दिन का किया जाना है अन्यथा किसी भी स्थिति में जबरन किसी के वेतन से कटौती नहीं किया जाना चाहिए। यह आदेश स्पष्ट करता है पिछले समय भी इसी प्रकार का आदेश हुआ था जिसे बाद में कर्मचारी संघों की मांग पर सॉफ्टवेयर में संशोधन किया था। आदेश मैं इस तरह से जबरदस्ती कर्मचारियों का वेतन नहीं कटा जाना चाहिए जो अपनी सहमति से अपनी इच्छा से देना चाहे और सहमति फार्म भर कर प्रस्तुत करें उनका ही वेतन काटना चाहिए जिस संगठन ने वेतन कटौती हेतु पत्र दिया है केवल अपनी अकेले मर्जी से दिए हैं उन्हीं संगठन के सदस्यों का वेतन काटा जाए वित्त विभाग के जबरिया 1 दिन का वेतन काटने के आदेश का कोषालय कर्मचारी संघ निंदा करता है ज्ञात है कि वर्ष 2020 मैं कोषालय के सॉफ्टवेयर में विकल्प नहीं होने के कारण 1 दिन का वेतन बिना कांटे कंप्यूटर बिल को स्वीकार नहीं कर रहा था। बाद में इस पर वित्त विभाग से संघ द्वारा फिर पत्राचार किया गया उसके बाद सॉफ्टवेयर में स्वीकार ऐच्छिक का विकल्प दिया गया था। इस बार भी यदि विकल्प का सॉफ्टवेयर में नहीं होगा तो 1 दिन का वेतन अनिवार्य रूप से कटेगा। इस हेतु हमारा संगठन मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं सचिव वित्त विभाग को ज्ञापन प्रेषित कर शासन से मांग करता है कि इस तरह जबरदस्ती कर्मचारियों के 1 दिन का वेतन ना काटा जाए और कोषालय के सॉफ्टवेयर में पूर्व की भांति संशोधित हो। मांग करने वालों में प्रमुख रूप से संगठन के प्रांतअध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह ठाकुर, कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष हरीश कंवर, उप प्रांत अध्यक्ष अरुण चोरिया,प्रांतीय महामंत्री दीपक देवांगन, प्रांतीय कोषाध्यक्ष रामाधार साहू, प्रांतीय प्रवक्ता रूपेंद्र कुमार साहू , प्रांतीय प्रचार सचिव द्वारिका प्रसाद वस्त्र कार, प्रांतीय संगठन सचिव वीरेंद्र कुमार राठौर, संघ के संरक्षक एस पी केसरी, शशिकांत झा, चमन प्रकाश साहू ,संभागीय अध्यक्ष रायपुर गोविंद राम बसोंने, संभागीय अध्यक्ष जगदलपुर मनु लाल यादव, संभागीय अध्यक्ष बिलासपुर ज्ञानू राम जिला अध्यक्ष राजनांदगांव सुशांत जिला अध्यक्ष कवर्धा भागबली सोनकर, जिला अध्यक्ष कांकेर गौरव द्विवेदी, जिला अध्यक्ष महासमुंद चिंताराम झारेय, जिला अध्यक्ष धमतरी पुष्पेंद्र कुमार चंद्राकर, जिला अध्यक्ष कोरिया राहुल मिश्रा, जिला अध्यक्ष बलरामपुर संदीप पाल, भानु पटेल, रामेश्वर मेश्राम आदि पदाधिकारियों ने जबरिया वेतन नहीं काटने और ट्रेजरी सॉफ्टवेयर मैं पूर्व की भांति संशोधन करने की मांग की गई है।
कर्मचारियों का जबरिया अप्रैल महीने का 1 दिन का वेतन नहीं काटने की मांग
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