छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के निर्वाचन को लेकर समाज के भीतर असंतोष का माहौल देखने को मिल रहा है। समाज के एक पक्ष कोरोना काल का हवाला देकर समाज के 4 अप्रैल को होने वाले निर्वाचन को टाल दिया गया जबकि इसी मामले पर दूसरे पक्ष का कहना है कि समाज के कार्यवाहक अध्यक्ष द्वारा समाज को गुमराह किया जा रहा है। अभी हाल ही में राष्ट्रीय राजनीतिक दल कांग्रेस-भाजपा द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया, जब कांग्रेस-भाजपा का धरना-प्रदर्शन हो सकता है तो सामाजिक चुनाव क्यों नहीं हो सकता…? लेकिन इसी बीच खबर यह भी मिल रही है कि दीगर समाज वाले भी सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए कलेक्टर कार्यालय में आवेदन लेकर पहुंच रहे है जहां उनसे कहा जा रहा है कोविड के चलते अभी अनुमति नहीं दी जा सकती है, वहीं यह भी कहा जा रहा है कि आप लोग लिखित में आवेदन नहीं लाया करे। सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजनों को अपने स्तर पर ही करा लिया करें। अब यहां पर यह सवाल उठता है कि जब कलेक्टर कार्यालय से सामाजिक लोगों को इस तरह से जवाब मिलते है तो फिर कांग्रेस-भाजपा को धरना प्रदर्शन करने की अनुमति कैसे मिल जाती है। क्या इनके आयोजनों के लिए जिला प्रशासन द्वारा छूट प्रदान की गई है? जबकि इन राजनीतिक दलों द्वारा धरना प्रदर्शन के दौरान कोविड नियमों का जमकर उल्लंघन किया गया। इन्ही सब बातों को देखते हुए सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए अनुमति प्रदान दी जानी चाहिये। आपको बता दे कि सामाजिक आयोजनों को लेकर जिला प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। कुर्मी समाज के निर्वाचन को लेकर अनुमति नहीं दिये जाने बाबत कलेक्टर कार्यालय से आदेश क्यूं जारी किया गया? इससे ऐसा लगता है कि जिला प्रशासन भी कोविड नियमों का पालन कराने में अब दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। वहीं कुर्मी समाज के लोगों का कहना है कि अब तो कोविड मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है और छत्तीसगढ़ के जिले भी अनलॉक हो गये है। ऐसे में समाज का निर्वाचन कराया जा सकता है। जब कुर्मी समाज का 4 अप्रैल को होने वाले निर्वाचन को टाला गया तो समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष एवं राजप्रधान पद के प्रत्याशीगणों ने कई सवाल उठाये थे। और अभी हाल ही में प्रत्याशीगणों द्वारा बकायदा प्रेस कांफ्रेंस लेकर समाज के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं चुनाव अधिकारी द्वारा समाज को गुमराह करने की बात कही। कुर्मी समाज के निर्वाचन को लेकर काफी समय से तैयारियां कर रहे प्रत्याशी चोवाराम वर्मा, उमाकांत वर्मा, लक्ष्मी वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज पंजीयन क्रमांक 26517 दिनांक 4 जनवरी 1995 द्वारा एक रजिस्टर्ड सामाजिक संस्था है। जिसके अंतर्गत विधान की धारा पांच द्वारा निर्वाचित व्यक्ति को अध्यक्ष कहा जाता है। विधान की धारा 21 के तहत अध्यक्ष का चुनाव निर्वाचन अधिकारी द्वारा महाधिवेशन में संपन्न किया जाता है किंतु वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा महासभा को गुमराह करते हुए चुनाव महाधिवेशन में नहीं करा कर सर्वप्रथम 13 मार्च को घोषणा की गई थी जबकि महाधिवेशन 14 फरवरी को संपन्न हो गया था। इस वर्ष 4 अप्रैल को चुनाव तिथि की घोषणा की गई जिसके तहत समस्त प्रत्याशियों द्वारा 4 मार्च को नामांकन भरा गया। सभी प्रत्याशी गांव-गांव जाकर अपना चुनाव प्रचार तथा जनसंपर्क किये। 26 मार्च को कार्यकारी अध्यक्ष तथा चुनाव अधिकारी ने कोविड का हवाला देकर चुनाव प्रक्रिया स्थगित कर दिया जबकि 28 मार्च को साहू समाज का सामाजिक चुनाव संपन्न हुआ। यहां यह उल्लेख करना चाहेंगे कि 6 राजप्रधान एवं केन्द्रीय अध्यक्ष का चुनाव महाधिवेशन पूर्व किया जाना था किंतु कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा समाज को गुमराह किया गया। वर्तमान केन्द्रीय अध्यक्ष द्वारा कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी पद पर बने रहने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाये जा रहे है जो कि सामाजिक नियम के विपरीत है। वर्तमान केन्द्रीय अध्यक्ष के लिए 7 प्रत्याशी एवं 6 राज के राजप्रधान के 21 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा किसी भी प्रकार का नीतिगत निर्णय लेने का कोई प्रावधान नहीं है। चुनाव घोषणा पश्चात चुनाव अधिकारी द्वारा प्रत्याशियों को किसी भी प्रकार का बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है जो समझ से परे है। प्रत्याशियों द्वारा कार्यकारी अध्यक्ष एवं चुनाव अधिकारी के अनीतिपूर्वक निर्णय के खिलाफ उठाये तथा तुरंत समस्त प्रत्याशियों को विश्वास में लेकर चुनाव की तिथि घोषणा कर समाज के क्रियाकलाप को सुसंगत ढंग से चलाने की बात कही गई है। यहां यह भी उल्लेख किया गया कि आरंग में साहू समाज का वृहद शपथ ग्रहण समारोह हुआ, इसी तरह सिलतरा अधिवेशन ग्राम सिलतरा में तथा 15 जून को तिल्दा राज का सामूहिक प्रकरण बैठक कार्यकारी राजप्रधान के नेतृत्व में संपन्न हुआ जहां कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए कार्यक्रम संपन्न हुआ उसी प्रकार निर्वाचन प्रक्रिया भी संपन्न हो जाएगा।
राज्य सरकार और जिला प्रशासन के रवैये से अन्य समाजिक प्रतिनिधिगण नाखुश!
ऐसा लगता है कि समाज के लिए अलग कानून और राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए अलग कानून है। जब कोरोना को लेकर सामाजिक निर्वाचन की अनुमति प्रदान नहीं की जा सकती तो राजनीतिक दलों को भी धरना प्रदर्शन की अनुमति नही दी चाहिये। अभी हाल ही में कांग्रेस-भाजपा द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया और जिला प्रशासन के नाक के नीचे कोविड नियमों का जमकर माखौल उड़ाया गया। लेकिन इस पर जिला प्रशासन की चुप्पी कई सवालों को जन्म देती है। वहीं जब सामाजिक निर्वाचन कार्यक्रमों की बात आती है जो जिला प्रशासन कोविड नियमों का पढ़ाता है। इस कारण राज्य सरकार और जिला प्रशासन के रवैये से कुर्मी समाज के अलावा अन्य समाज के प्रतिनिधिगण नाखुश नजर आ रहे है।
जब कांग्रेस-भाजपा का धरना-प्रदर्शन हो सकता है, तो सामाजिक आयोजन क्यों नहीं…?
[metaslider id="184930"
Previous Articleगर्मी और उमस से मिली राहत, जानियें कैसा रहेगा मौसम का हाल
Next Article छत्तीसगढ़ में अब तक आज 165.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज
Related Posts
Add A Comment
chhattisgarhrajya.com
ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
Important Page
© 2025 Chhattisgarhrajya.com. All Rights Reserved.













