बिलासपुर । सरकारी जमीन पर कब्जा करना एक सरपंच को भारी पड़ गया। मामले की जांच के बाद एसडीएम ने सरपंच को पद से बर्खास्त कर दिया। बताया जा रहा है कि सरपंच होने का दबदबा दिखाकर 2.50 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा कर धान लगा दिया था। इसकी शिकायत होने पर जांच की गई। इसमें अवैध कब्जे की पुष्टि होने के बाद एसडीएम ने पंचायत राज अधिनियम के तहत सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की है। ये मामला बिलासपुर के ग्राम पंचायत पेंड्री का है।
जानकारी के अनुसार, मस्तूरी जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत पेंड्री के उपसरपंच प्रीत कुमार चतुर्वेदी ने सरपंच खम्हन लाल चतुर्वेदी के खिलाफ अतिरिक्त कलेक्टर के समक्ष लिखित शिकायत की थी। इसमें उपसरपंच ने सरपंच खम्हन लाल पर गांव की ढाई एकड़ शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर उसे घेर लिये जाने का आरोप लगाया था। साथ उसने अपनी शिकायत में सरकारी जमीन पर कब्जा कर सरपंच द्वारा धान लगाये जाने की शिकायत की थी। साल दिसंबर 2021 को मस्तूरी तहसीलदार ने प्रारंभिक जांच के आदेश दिए और पटवारी से जानकारी मांगी।
इसके साथ ही केस में सरपंच को पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया गया था। पटवारी ने जांच के बाद प्रतिवेदन में सरकारी जमीन पर कब्जा करने और उसमें धान बोने की पुष्टि कर रिपोर्ट 7 जनवरी 2022 को आदेश पारित कर छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के प्रावधान के तहत सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने की पुष्टि होने के बाद जांच रिपोर्ट अतिरिक्त कलेक्टर आरए कुरुवंशी को भेजी। अतिरिक्त कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए खम्हनलाल चतुर्वेदी पर पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए उसे सरपंच के पद से हटा दिया है। इसके साथ ही दो हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है।