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निर्वाचन से तय होती है देश की दिशा और दशा : राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने  भोपाल में आयोजित एक समारोह में श्री प्रलय श्रीवास्तव द्वारा लिखित किताब ‘‘मध्यप्रदेश में चुनाव और नवाचार’’ पुस्तक का विमोचन किया। राज्यपाल ने समारोह को संबोधित करते हुए  देश के कल्याण एवं विकास के लिए निर्वाचन एवं मताधिकार के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि भारत न केवल विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है बल्कि यह मजबूत एवं सफल भी है। इसका श्रेय उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में होने वाले नवाचारों एवं  भारतीय जनमानस की लोकतंत्र में आस्था को दिया है। उन्होंने निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव को भारतीय लोकतंत्र की पहचान बताया। साथ ही उन्होंने  इस अवसर पर देश निर्माण में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ, मीडिया की भूमिका को भी रेखांकित किया।
राज्यपाल सुश्री उइके  ने आज अपने कर्म स्थल मध्यप्रदेश के भोपाल में आयोजित इस समारोह में शामिल होकर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में निर्वाचन प्रक्रिया का विशेष महत्व है। हमारा लोकतंत्र न सिर्फ मजबूत बल्कि पूर्णतः सफल भी है। उन्होने कहा कि निर्वाचन वह प्रक्रिया है जो देश की दिशा और दशा तय करती है। इससे न केवल राजनैतिक दलों  का बल्कि देश का भविष्य भी तय होता है। राज्यपाल ने निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव को भारतीय प्रजातंत्र की सफलता बताया । उन्हेांने कहा कि लोकतंत्र ,निर्वाचन के जरिए मतदाताओं को ईमानदार और सशक्त प्रतिनिधि चुनने का मौका देता है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव समाज में सकारात्मक परिवर्तन की बुनियाद है, जिससे देश का भविष्य तय होता है। इसीलिए समाज के सभी वर्गों को न सिर्फ निर्वाचन प्रक्रिया में पूरी ईमानदारी से भाग लेना चाहिए, बल्कि अपने बहुमूल्य वोट का उपयोग भी करना  चाहिए। क्योंकि एक-एक बहुमूल्य वोट मिलकर ऐसी सरकार बनाते है, जिससे देश का हित जुड़ा होता है। इस देश का कल्याण और विकास पूरी तरह से मतदाताओं के वोट पर निर्भर करता है।
राज्यपाल ने चुनाव प्रक्रिया में होने वाले नवाचारों एव सुधारों को रेखांकित करते हुए, चुनाव प्रक्रिया में अपनाई जा रही तकनीकों को भी उल्लेखित किया। उन्होंने कहा कि नवाचार ने चुनाव प्रक्रिया को आसान, विश्वसनीय और सरल बनाया है। निर्वाचन प्रक्रिया जितनी निष्पक्ष, शुद्ध और स्वतंत्र होगी, प्रजातंत्र भी उतना ज्यादा मजबूत होगा। उन्हेांने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में सुधार के साथ साथ अपनाए गये नवाचारो ने लोकतंत्र के प्रति भारतीय जनमानस की आस्था को और मजबूत किया है। देश में वोट देने का अधिकार, अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करने का सबसे बड़ा और सशक्त माध्यम है। राज्यपाल ने कहा कि मतदान के सशक्त अधिकार का उपयोग प्रत्येक व्यक्ति को ऐसी सरकार को चुनने में करना चाहिए, जिसमें हम सबका हित शामिल हो। उन्हेंने देश एवं प्रदेश की सभी महिलाओं एवं युवाओं से आग्रह किया कि हमेशा मतदान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें ।
राज्यपाल ने प्रलय श्रीवास्तव को पुस्तक के लेखन को सराहनीय बताते हुए उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दीं और आशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह पुस्तक शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी। साथ ही राज्यपाल ने समारोह में उपस्थित मीडिया के वरिष्ठ लोगों के समाज के प्रति उनके योगदानो को रेखांकित करते हुए उनकी सराहना की। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि उनके जीवन मे मीडिया की अहम भूमिका रही है। वे अलग-अलग पदों पर रहते हुए जनमानस की भलाई के लिए  निरंतर कार्य कर रहीं हैं। इस दौरान मीडिया ने उनके कार्य कार्यो का प्रचार प्रसार कर उन्हें नई ऊर्जा प्रदान की  और कहा कि यही ऊर्जा उन्हें आज भी लोगों के हित मे काम करने की प्रेरणा देते हैं। इस अवसर पर उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि समाज में जो गलत हो रहा है, उसका निर्भीक होकर विरोध अवश्य होना चाहिए और सत्य की तलाश की जानी चाहिए। तभी एक बेहतर समाज का निर्माण हो पाएगा।

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