साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर यानी आज लगने जा रहा है. यह चंद्र ग्रहण भारत में दृश्यमान होगा. भारतीय समयानुसार, आज लगने वाला चंद्र ग्रहण रात 11 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो जाएगा और इसका समापन देर रात 3 बजकर 56 मिनट पर होगा. इस ग्रहण की गहरी छाया 29 अक्टूबर की रात 1 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर 2 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी, जिसका समय एक घंटा 19 मिनट होगा. यह ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगने जा रहा है.
चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले ही लग जाता है इसलिए, इसका सूतक 28 अक्टूबर यानी आज शाम 4 बजकर 5 मिनट पर शुरू हो जाएगा. यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखने जा रहा है तो आइए जानते हैं कि सूतक काल लगने से पहले कौन से खास काम निपटा लेने चाहिए.
- तुलसी का प्रयोग
सनातन धर्म में तुलसी का बहुत महत्व है और ग्रहण काल में भी तुलसी का प्रयोग करना सबसे शुभ माना जाता है. ज्योतिषियों की मानें तो, ग्रहण लगने से पहले खाने पीने की चीजों में तुलसी डाल देनी चाहिए. इससे ग्रहण का खाने पीने की चीजों पर दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है और उसे बाद में खाया जा सकता है. हालांकि तुलसी के पत्तों को तोड़ने का भी एक निश्चित समय होता है. आपको न तो ग्रहण काल में तुलसी के पत्ते तोड़ने चाहिए और न ही सूतक काल में. बेहतर होगा कि आप सूतक काल से पहले ही तुलसी के पत्तों को तोड़कर रख लें और ग्रहण लगने से पहले ही उन्हें खाने में डाल दें. - मंदिर के कपाट
चंद्र ग्रहण लगने से पहले सूतक काल में मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. इन्हें चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद ही खोला जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस अवधि में भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करने से बचना चाहिए. ग्रहण काल में देवी-देवताओं की पूजा वर्जित होती है. इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने घर के मंदिरों के कपाट भी बंद ही रखें. इन्हें सूतक काल के प्रारंभ से लेकर ग्रहण समापन तक बंद रखें. - घर में जला लें दीपक
चंद्र ग्रहण के दिन शरद पूर्णिमा का संयोग बन रहा है इसलिए इस दिन घर के मुख्य द्वार पर दीपक जरूर जलाएं, ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. साथ ही इस दिन ग्रहण से पहले और ग्रहण के दौरान दीपदान भी किया जा सकता है.
चंद्र ग्रहण कहां कहां लगेगा?
यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखेगा देगा. इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका, उत्तर व पूर्व दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर, हिन्द महासागर, अंटार्कटिका में भी दिखेगा.