प्रेम, श्रद्धा और आस्था का मानक पर्व करवा चौथ व्रत का इंतजार सुहागिन महिलाओं को बेसब्री से होता है लेकिन इस बार के व्रत को लेकर थोड़ा कन्फ्यूजन पैदा हो गया है क्योंकि कुछ लोगों का मानना है कि यह व्रत 31 अक्टूबर को है तो वहीं कुछ लोगों कहना है कि ये उपवास 1 नवंबर को होगा तो चलिए हम कन्फ्यूजन दूर कर देते हैं।
करवा चौथ की तिथि और शुभ मुहूर्त करवा चौथ की तिथि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 31 अक्टूबर को 09:30 PM कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि अंत-01 नवंबर को 09:19 PM
करवाचौथ का व्रत का मुहूर्त –01 नवंबर को शाम 05 बजकर 36 मिनट से शाम 06 बजकर 54 मिनट। आपको बता दें कि महिलाएं इस दिन सोलह श्रृंगार करके करवा चौथ की पूजा करती हैं। इस दिन करवा माता और गणेश जी की पूजा करने के बाद चंद्रमा को अर्ध्य दिया जाता है। उसके बाद महिलाएं अपना निर्जला व्रत तोड़ती हैं। ये उपवास महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं तो वहीं कुंवारी कन्याएं ये उपवास अच्छे पति की कामना में करती हैं।
क्यों दिया जाता है अर्ध्य? चन्द्र मन का प्रतिनिधित्व करता है और महिलाओं का मन अधिक चंचल होता है इसलिए मन को स्थिर और शक्तिशाली बनाने के लिए करवा चौथ के दिन चन्द्रमा को अर्ध्य देने की परंपरा है।
करवा चौथ की आरती – ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया। जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया.. ओम जय करवा मैया। सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी। यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी.. ओम जय करवा मैया। कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती। दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती.. ओम जय करवा मैया। होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे। गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे.. ओम जय करवा मैया। करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे। व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे.. ओम जय करवा मैया।