राजनांदगांव। गर्भवती महिलाओं व शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जिले के लगभग 3,000 आंगनबाड़ी केंद्रों में लगातार कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में मंगलवार को अंबागढ़ चौकी क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की रस्म और शिशुओं का अन्नप्राशन कराया गया। इस कार्यक्रम को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य सही पोषण की जानकारी देना है, जिससे मां व बच्चा दोनों सुरक्षित व स्वस्थ रहे।इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश ने अंबागढ़ चौकी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा वितरित टेक होम राशन एवं सूखा राशन के संबंध में भी निरीक्षण किया और लाभार्थियों से जानकारी ली। इस दौरान लाभार्थियों ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा नियमित रूप से टेक होम राशन एवं सूखा राशन दिया जा रहा है। उन्होंने सभी सीडीपीओ को जमीनी स्तर पर इसके संबंध में निरीक्षण करने के निर्देश दिए। जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश ने तुलसी मां बम्लेश्वरी स्व सहायता समूह कोडूटोला सेंटर, सामग्री मिक्सिंग एवं पैकेजिंग कार्य का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि समूह की महिलाएं सक्रियता से कार्य कर रही हैं और विशेषकर कोरोना संक्रमण के दौर में मॉस्क का उपयोग कर रही हैं। उन्होंने सभी को एप्रन एवं ग्लब्स का उपयोग सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खाद्य सामग्री को और भी सुव्यवस्थित तरीके से रखा जा सकता है। उन्होंने समूह की महिलाओं द्वारा सामग्री को भुनने एवं पीसने के नवाचार की सराहना की। इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता व वार्ड पार्षद ने गर्भवती महिलाओं को पोषण से संबंधित जानकारी दी। इस अवसर पर गर्भवती महिलाओं को लाल चुनरी ओढ़ाकर व तिलक लगाकर उनका स्वागत किया गया। पौष्टिक पदार्थ भी भेंट किए गए। साथ ही हरी पत्तेदार सब्जी भी भेंट की। महिलाओं ने मंगल गीत गाकर गोदभराई रस्म को पूरा किया। सभी गर्भवती महिलाओं को खानपान के बारे में जानकारी दी गई। गर्भवती महिलाओं को हरी पत्तेदार सब्जियों में सहजन का पत्ता, धनिया का पत्ता तथा पालक की साग का सेवन करने की सलाह दी गई। साथ ही धात्री महिलाओं को आयरन की गोलियां दी गई। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश ने कहा स्वच्छता एवं साफ-सफाई को पोषण अभियान के पांच सूत्रों में शामिल किया गया है। सफाई ही बीमारियों से लडऩे का पहला हथियार होता है। बीमारियों के संक्रमण से बचने का सबसे अच्छा तरीका सफाई का पहला चरण खाने से पहले और शौच के बाद विधिवत रूप से हाथ धोने से होता है। हर व्यक्ति को स्वास्थ्य के प्रति इन छोटी-छोटी बातों के प्रति सजग होना चाहिए, ताकि हम एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकें। उन्होंने बताया कि गोद भराई एक परंपरागत सामुदायिक गतिविधि है जिसे उत्सवी माहौल में माता व गर्भ में पल रहे शिशु के पोषण को सुदृढ़ व समृद्ध बनाने हेतु किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य शिशु व माता की जांच सुनिश्चित करते हुए शिशु की दो वर्ष की अवस्था तक पोषण एवं वृद्धि की सतत निगरानी हेतु समुदाय को प्रेरित करना है। कार्यक्रम के दौरान सात माह के दो शिशुओं को अन्नप्राशन कराया गया। कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश ने इस अवसर पर कहा कि महिलाओं को अपने दैनिक जीवन में स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक आहार की जरूरत होती है। पोषण की कमी होने से महिलाओं में खून की कमी हो जाती है। जिससे होने वाले बच्चे कुपोषण के शिकार हो जाते हैं। उन्होंने लड़कों एवं लड़कियों में भेदभाव को कम करने के लिए भी जागरूक किया। कार्यक्रम में आसपास की महिलाएं भी शामिल हुई। लाभार्थी सरिता ठाकुर ने कहा कि इस कार्यक्रम से हमें पता चला कि स्वच्छता नियमों का पालन करने से कई बीमारियों से खुद व अपने बच्चे को बचाया जा सकता है।
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