सोना हर शुभ मौकों पर जरूर खरीदा जाता है। धनतेरस बिल्कुल करीब है। आप भी सोने के सिक्के खरीदने पर शायद विचार कर रहे होंगे। अगर हां, तो इसे खरीदने से पहले आपको कुछ होमवर्क कर लेना चाहिए। कुछ ऐसी जरूरी बातें हैं जो सोने के सिक्के खरीदने में बहुत मायने रखते हैं। अगर खरीदारी के समय समझदारी नहीं दिखाते हैं तो हो सकता है आपको खरीदने के बाद पछताना पड़ जाए। आइए, हम यहां ऐसी ही कुछ जरूरी बातों को खरीदारी से पहले समझ लेते हैं।
सोने की प्योरिटी और हॉलमार्किंग हैं बेहद अहम
जो भी सिक्का आप खरीद रहे हों, उसकी प्योरिटी सबसे अहम है। अगर सोना प्योर होगा तो सिक्के के ऊपर हॉलमार्क जरूर होगा। खरीदारी के समय इसकी जांच जरूर करें। भारत में, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) हॉलमार्क वाला सोना स्वीकार किया जाता है। सिक्के पर अंकित बीआईएस (BIS) लोगो और शुद्धता ग्रेड को जरूर देखें। 24 कैरेट (99.9% शुद्धता) या 22 कैरेट (91.6% शुद्धता) सोने के सिक्के लोगों की पसंद होते हैं।
आप कहां खरीद रहे हैं सिक्का
सोने का सिक्का किसी प्रतिष्ठित स्टोर, दुकान या भरोसमंद डीलर से खरीदें। इससे सोने की प्रामाणिकता सुनिश्चित हो सकेगी। सोने के सिक्के स्थापित ज्वैलर्स, प्रतिष्ठित ब्रांड या बैंक से खरीदें। आप खरीदारी से पहले कस्टमर रिव्यू भी जांच करें। विक्रेता की विश्वसनीयता पर रिसर्च और वेरिफिकेशन जरूर करें।
दाम और कितना लग रहा है मेकिंग चार्ज
गोल्ड के सिक्के खरीदने से पहले अलग-अलग बिक्रेताओं से कीमतों और मेकिंग चार्ज की भी तुलना करनी चाहिए। अलग-अलग विक्रेताओं के बीच मेकिंग चार्ज अलग-अलग होते हैं और कुल लागत पर असर डालते हैं। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इससे यह सुनिश्चित होता है कि आपको अपनी खरीदारी के लिए अधिक भुगतान नहीं करना पड़ेगा। सही मेकिंग चार्ज और कॉम्पिटिटिव प्राइस ऑफर करने वाले विक्रेता के यहां खरीदारी पर विचार कर सकते हैं।
वजन और साइज
सोने के सिक्के का वजन यूं तो आपके बजट पर निर्भर करता है। लेकिन जिस भी सोने के सिक्के को खरीदना चाहते हैं उसका वजन और साइज तय करें। यह देखें कि क्या यह आपके द्वारा खोजे जा रहे मानकों और जरूरतों से मेल खाता है। कभी-कभी, छोटे सिक्कों का प्रीमियम अधिक हो सकता है, इसलिए बेस्ट प्राइस के लिए बड़े साइज के सिक्कों के मुकाबले इसका मूल्यांकन करना जरूरी है।
रिटर्न पॉलसी और डॉक्यूमेंटेशन पर खास ध्यान दें
आपने जो भी सिक्का खरीदा, उसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर विक्रेता की रिटर्न पॉलिसी क्या है, इस बारे में बिल्कुल स्पष्ट हो लें। यह भी सुनिश्चित करें कि आपको खरीदे गए सोने के सिक्के के लिए बिक्री चालान, वारंटी और प्योरिटी सर्टिफिकेट जैसे उचित डॉक्यूमेंट्स बिलिंग के समय मिले या नहीं। साथ ही बाजार के रुझान और सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर भी विचार करें, क्योंकि वे खरीदारी के फैसले को प्रभावित कर सकते हैं।
- होम
- राज्यों से
- देश
- विदेश
- खेल
- व्यापार
- मनोरंजन
- क्रांइम
- ज्योतिष
- हेल्थ
- MP Govt
- संपर्क करें
- Join Us
- फोटो गैलरी
What's Hot
Related Posts
Add A Comment