रायपुर। क्रेडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश सिंह राणा ने प्रधान कार्यालय में कल 9 जनवरी को क्रेडा द्वारा संचालित सौर सुजला योजना, जल जीवन मिशन, इंदिरा गांव गंगा योजना, सोलर हाईमास्ट, बायोगैस तथा स्थापित संयंत्रों के सुचारू रुप से कार्यशील रखने हेतु संचालन एवं संधारण सहित विभिन्न परियोजनाओं के प्रगति की समीक्षा की। बैठक के दौरान प्रधान कार्यालय के समस्त वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी उपस्थित थे। प्रदेश के किसानों को खेतों में सिंचाई सुविधा हेतु पानी उपलब्ध कराने के लिए संचालित की जा रही सौर सुजला योजना के तहत 1,52,926 संयंत्र अब तक स्थापित किये जा चुके हैं, जिससे 1,93,311 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित हो रही है। किसानों के बीच लोकप्रिय हो चुकी क्रेडा की इस योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष में 5985 संयंत्रों की स्थापना का कार्य प्रगतिरत है, जिससे 7192 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी। इन स्थापित पंपों से प्रतिवर्ष लगभग 07 लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी हो रही है। जिन इकाईयों के द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है एवं लक्ष्य के विरुद्ध 60 प्रतिशत से कम प्रगति वाली इकाईयों को नोटिस जारी करने तथा काल सेंटर में लंबित शिकायतों को निराकृत करने हेतु निर्देश दिये गये है।

सौर सामुदायिक सिंचाई योजना के माध्यम से नदी, एनीकटों में उपलब्ध सतही जल को आसपास के कृषि भूमि में सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराया जाता है। अब तक इस योजनांतर्गत कुल 229 कार्य पूर्ण किये जा चुके है, जिससे लगभग 2682 कृषक लाभान्वित हुए हैं एवं 2814 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित हुई है। इंदिरा गांव गंगा योजना के माध्यम से नदी एनीकटों में उपलब्ध सतही जल का उपयोग कर ग्रामवासियों की निस्तारी के लिये आसपास के तालाबों को भरा जाता है। इस योजनांतर्गत अब तक कुल 48 तालाब भरे गये हैं एवं 25 कार्य प्रगतिरत हैं। हर घर तक स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन योजनांतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहयोग से क्रेडा द्वारा सोलर पेयजल पंपों की स्थापना का कार्य किया जा रहा है, जिसमें 7601 सोलर पंपों की स्थापना कार्य किया जा रहा चुका है तथा 3367 संयंत्रों की स्थापना का कार्य प्रगतिरत् है तथा 188 सर्वे हेतु लंबित कार्यों को निरस्त करने तथा 2283 स्थल जहां कार्य शुरू नही किया गया है, उन ईकाईयों को नोटिस जारी करने हेतु निर्देश दिये गये है। प्रदेश की स्थापित बायोगैस संयंत्रों की कार्यशीलता सुनिश्चित करने एवं नवीन बायोगैस निर्माण हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिक से अधिक निर्माण तथा ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रम अंतर्गत अधिक से अधिक ऊर्जा क्लबों के गठन एवं विद्यालयों एवं क्रेडा द्वारा संचालित ऊर्जा पार्क में जागरूकता कार्यक्रम के प्रस्ताव प्रस्तुत करने का सुझाव दिया गया है। तथा समस्त योजनांतर्गत लंबित कार्यों को समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण तरीके से कराये जाने एवं पूर्व में स्थापित अकार्यशील संयंत्रों को यथाशीघ्र कार्यशील कराये जाने हेतु निर्देश दिये गये है।