गुजरात बोर्ड की 10वीं और 12वीं की आंसरशीट मूल्यांकन में गड़बड़ी के लिए सामेल गुजरात के 9218 शिक्षकों पर पिछले दो साल में 1.54 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. गुजरात के इन शिक्षकों द्वारा 10वीं और 12वीं की आंसरशीट में रखे जाने वाले मार्क्स का टोटल करने में गलती पाई गई थी. बोर्ड के विद्यार्थियों का मूल्यांकन करने वाले शिक्षक खुद गणित में इतने कमजोर साबित हुए हैं कि गुजरात सरकार को ऐसे शिक्षकों को 1.54 करोड़ रुपये से दंडित करना पड़ा है.
पूरे साल मेहनत करके छात्र परीक्षा में इस भरोसे से बैठते हैं कि कॉपी चेक होने पर उन्हें सही अंक ही दिए जाएंगे और उनके रिजल्ट में कोई गड़बड़ी नहीं होगी, लेकिन शिक्षकों का इस तरह छात्रों की कॉपी चेक करके नंबर टोटल करना सोचने पर मजबूर करता है. बता दें कि मार्च 2022 की बोर्ड परीक्षा में त्रुटियां करने वाले शिक्षकों से लंबित बकाया वसूलने के लिए राज्य शिक्षा विभाग ने उनके स्कूल प्रबंधन और संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से उनसे संपर्क किया है.
विधायक के सवाल से बात आई सामने
गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के विधायक किरीट पटेल द्वारा पूछा गया था कि, 10वीं और 12वीं की आंसरशीट मूल्यांकन में गलती करने वाले शिक्षकों की संख्या कितनी है? उन्हें कितना जुर्माना किया गया? कितने शिक्षकों ने जुर्माना भरा है? अगर शिक्षकों ने जुर्माना नहीं भरा तो सरकार ने क्या कदम उठाए हैं? जिसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि आंसरशीट में रखें जाने वाले मार्क्स का टोटल करने में दो साल में 9218 शिक्षकों द्वारा गलती की गई थी, जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा उनपर 1,54,41,203 रुपये का जुर्माना लगाया गया था.
इतने शिक्षकों से हुई थी गड़बड़ी
बता दें कि 10वीं के 787 और 12वीं के 1870 यानी कि कुल मिलाकर 2657 शिक्षकों ने 50.97 लाख रुपये का जुर्माना अभी तक नहीं भरा है. इन तमाम शिक्षकों को शिक्षा विभाग की तरफ से नोटिस भी दिया गया है और भविष्य में ऐसी गलती ना हो इसके लिए सरकार ने अब आंसरशीट के मूल्यांकन के लिए एक वेरिफ़ायर की नियुक्ति भी कर दी है. हालांकि यहां ये गंभीर सवाल खड़ा होता है कि, जो शिक्षक आंसरशीट के मूल्यांकन के टोटल करने में गलती कर रहे हैं वो विद्यार्थियों को क्या पढ़ाते होंगे? (aajtak.in)