गरियाबंद। जिले के दूरस्थ ब्लाक देवभोग के गांव भी स्वच्छ होने लगे है। देवभोग ब्लाक के विभिन्न गांव में शहरों की तरह ही गांव को स्वच्छ रखने का इरादा कर स्वच्छाग्रही दीदीयों ने स्वच्छता की कमान संभाल ली है। स्वच्छाग्रही महिलाएं अपने गांव में गांव की आबादी के अनुसार पंचायत द्वारा निर्धारित सप्ताह में दो दिन अथवा तीन दिन घर-घर से कचरा कलेक्शन करने निकल रही है।
कचरा कलेक्शन के साथ-साथ ये समूह की महिलाएं ग्रामवासियों को गीला कचरा / किचन वेस्ट या खाद बनाने योग्य कचरे को घर स्तर पर निपटान करने हेतु गांव वालों को प्रेरित कर रही है। गांव के घरों से केवल सूखा कचरा कलेक्ट किया जायेगा, जिसे पृथक्करण शेड में ले जाकर डंप करेंगे फिर सप्ताह में एक दिन समूह की महिलाएं बैठकर उन सूखे कचरे को अलग-अलग वर्गीकृत करेगीं। पर्याप्त मात्रा में कचरा संग्रहण होने पर उसे बेचकर आय अर्जित करेगीं। देवभोग के ग्राम पंचायत डोहेल में मां अम्बे समूह, धौराकोट में जय मां काली समूह, डुमरबहाल में ममता माई समूह, मुडागांव में मां तारिणी समूह, सितलीजोर में जय मां संतोषी समूह, रोहनागुड़ा में आदि शक्ति समूह व विभिन्न पंचायतों में समूह की महिलाओं द्वारा घर-घर कचरा कलेक्शन कर स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के उददेश्यों को चरितार्थ किया जाने लगा है।
जिला समन्वयक परवेज हनफी ने बताया कि इन समूहों को मानदेय के लिए 15वें वित्त के टाइड फंड से प्रतिमाह 6000 रू. का प्रावधान किया गया है, इसके अलावा गांव स्तर पर प्रति घर से 10 रू. तथा गांव के दुकानों से 50 रू. प्रतिमाह स्वच्छता शुल्क लेकर समूह को दिया जायेगा तथा माह में एक बार पर्याप्त सूखा कचरा इकट्ठा होने पर उसको कबाडी वाले को बेचकर जो भी आमदनी होगी वो सीधे समूह की महिलाओं को प्राप्त होगी, आगे शासन की सभी योजनाओं में स्वच्छाग्रही महिलाओं को प्राथमिकता दिये जाने एवं समूह की महिलाओं को फ्री हेल्थ चेकअप की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। जिससे स्वच्छाग्रही समूह की महिलाओं का सुरक्षा बना रहें।
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