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बीएसपी के पूर्व अधिकारी और मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर हुई ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकार… हुई 1.84 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी…

भिलाई। कम समय में रकम को दोगुने से ज्यादा करने का लालच बीएसपी के पूर्व अधिकारी और चंदूलाल मेडिकल कॉलेज में नेत्र विभाग की एचओडी को भारी पड़ गया। इन दोनों से कुल 1.84 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी हुई है। एक मामला भिलाई नगर थाना क्षेत्र का है। जबकि इसी तरह का दूसरा मामला सुपेला थाना इलाके में पेश आया है। भिलाई नगर थाना क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. लिपी चक्रवर्ती क्रिप्टो करंसी में निवेश के झांसे में आई थी। साइबर ठगों के कहने पर उनके खाते में अलग-अलग माध्यम से 58 लाख 43 हजार 900 रुपए की रकम ट्रांसफर कर दी। जबकि सुपेला थाना अंतर्गत रहने वाले रिटायर्ड बीएसपी अधिकारी प्रलेस शांति बसु महीने भर में आरोपियों को 1 करोड़ 26 लाख 22 हजार रुपए थमा बैठे। दोनों प्रकरण में पुलिस ने धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। सूर्य विहार कॉलोनी निवासी प्रलेस शांति बसु ने मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। प्रार्थी बीएसपी के रिटायर्ड अधिकारी हैं। उन्हें पिछले महीने आरोपियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क किया और शेयर बाजार में निवेश करने का झांसा देकर रकम को 500 गुना करने का वादा किया। आरोपियों की बातों में उसके लिंक पर एप डाउनलोड करके खाते में करीब महीने भर तक रकम डालते रहे। धीरे-धीरे इनवेस्ट की रकम एक करोड़ से भी ज्यादा होने पर भी आरोपी उनके पैसे की डिमांड करते रहे। इस पर उन्हें अपने साथ ठगी का अहसास होने लगा। लेकिन तक पर प्रार्थी 1.26 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की रकम आरोपियों तक पहुंचा सके हैं।
दूसरे मामले को लेकर थाना प्रभारी राजकुमार लहरे ने बताया कि हॉस्पिटल सेक्टर निवासी डॉ. लिपी चक्रवर्ती (46 वर्ष ) ने शिकायत दर्ज कराई थी। प्रार्थिया के मुताबिक वह चंदूलाल चन्द्राकर शासकीय मेडिकल कॉलेज कचांदुर में नेत्र रोग विभाग की विभागाध्यक्ष हैं। उन्होंने बताया कि, उनके फोन में टेलीग्राम मोबाइल ऐप्लीकेशन डाउनलोड है। करीब सप्ताह भर पहले उसमें
क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करने के लिए एक रिक्वेस्ट आई थी। इसके बाद उनके फोन पर एक दूसरे नंबर से कॉल आया था। फोन करने वाले ने डॉ. लिपी को वाट्सएप और यूट्यूब पर प्लावोरफुल फ्यूजन नाम के चैनल को सब्सक्राइब करने को कहा, जिसके बाद क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने की बात कही। जब उन्होंने सब्सक्रिप्शन ले लिया, तो कॉलर ने उन्हें टेलीग्राम एप पर एक लिंक भेजा।
उस लिंक में जाकर भुगतान करने को कहा गया। इसके बाद उन्हें एक टेलीग्राम ग्रुप से जोड़ा गया। बाद में धीरे-धीरे टेलीग्राम एप के माध्यम से क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर चार से पांच दिनों किश्तों में आरटीजीएस, आईएमपीएस और फोन पे के माध्यम से 58 लाख 43 हजार 900 रुपए ट्रांसफर कर लिए। मामले में पुलिस ने अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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