बरसात का यह मौसम हमारे इम्यून सिसट को कमजोर कर देता है जिससे हम सर्दी खांसी सहित कई संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। दरअसल, इस मौसम में टेम्प्रेचर कभी कम होता है तो कभी ज़्यादा इस वजह से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है। मौसम में नमी और ह्यूमिडिटी की वजह से वायरस एक्टिव होते हैं हमारी बॉडी में आसानी से अटैक करते हैं। इसलिए ज़रूरी है कि आप इस मौसम में अपनी सेहत का ख़ास ख्याल रखें। अगर आप भी तुरंत सर्दी खांसी की चपेट में आते हैं तो अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए कह घरेलू नुस्खें आज़मा सकते हैं। जैसे- आयुर्वेद में गिलोय और तुलसी की पत्तियों का बहुत महत्व है। चलिए जानते हैं कौन ये गुणकारी पत्तियां आपको संक्रामक बीमारियों से कैसे बचाएंगी?
ये दोनों पत्तियां हैं आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर:
तुलसी और गिलोय दोनों आयुर्वेद में प्रसिद्ध जड़ी-बूटियाँ हैं, जो अपने कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जानी जाती हैं। ये दोनों पत्तियां आपके इम्यून सिस्टम को बस्ट करने में बेहद कारगर हैं. इनके सेवन से सर्दी और खांसी खत्म होता है. चलिए जानते हैं इनका सेवन कैसे करें?
ऐसे करें तुलसी का इस्तेमाल
सर्दी खांसी के लिए आप 5-7 तुलसी के पत्तों को 1 गिलास पानी में डालकर उबालें। जब पानी आधा हो जाए तब छान लें और दिन में दो बार पिएँ। साथ ही रोज़ाना सुबह और शाम 2-3 ताज़ी तुलसी की पत्तियाँ चबाने से भी फायदा मिलेगा। तुलसी के पत्तों का रस निकालें और शहद के साथ मिलाकर दिन में दो बार इसका सेवन करें।
ऐसे करें गिलोय का इस्तेमाल:
गिलोय का रस निकालें और पानी के साथ मिलाकर दिन में दो बार 1-2 कप पिएँ। 1/2 चम्मच गिलोय पाउडर को गर्म पानी या शहद के साथ मिलाएँ और दिन में दो बार लें। गिलोय के तने या पत्तियों को पानी में उबालें, फिर छानकर दिन में दो बार पिएँ। आप तुलसी और गिलोय का एक साथ सेवन भी कर सकते हैं दोनों जड़ी-बूटियों को उबलते पानी में भिगोएँ, फिर छानकर पिएँ। दोनों रसों को बराबर मात्रा में मिलाएँ और दिन में दो बार पिएँ। इन जड़ी-बूटियों का उपयोग करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना न भूलें।
इन बातों का भी रखें ध्यान
आराम करें और हाइड्रेटेड रहें
बीमार लोगों के साथ संपर्क से बचें
साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएँ
बाहर जाते समय मास्क का इस्तेमाल करें
अपने आस-पास के वातावरण को साफ रखें
संतुलित आहार और तुलसी और गिलोय जैसे हर्बल उपचारों से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना
अगर लक्षण बने रहते हैं या बिगड़ते हैं तो डॉक्टर से सलाह लें।