मानसून आते ही गर्मी से राहत तो जरूर मिल जाती है लेकिन साथ ही कई सारी बीमारियों का सामना भी करना पड़ता है। बुखार के साथ-साथ कई सारे फ्लू और पेट में होने वाले इंफेक्शन का डर भी सताता है। वैसे पेट में इंफेक्शन होना तो आम बात है लेकिन इससे बिल्कुल नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह गंदा पानी और गंदा खाने से होता है। यह समस्या किसी भी उम्र वाले लोगों को हो सकती है। खासकर इस मौसम में बच्चों को काफी ज्यादा संभलकर रहना चाहिए।
पेट में होने वाले इंफेक्शन के लक्षण:
पेट में होने वाले इंफेक्शन के लक्षण तुरंत दिखाई देते हैं। जैसे- उल्टी होना, बुखार, दस्त, पेट में दर्द या क्रैम्प्स या जी मिचलाना शामिल है। इसके अलावा मरीज को कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पेट में इंफेक्शन अक्सर उन लोगों को ज्यादा होता है जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है। कई लोग इसे इन्फ्लूएंजा से जोड़कर देखते हैं। लेकिन यह इससे बिल्कुल अलग होती है। इस बीमारी का असर मरीज के आंतों पर ज्यादा पड़ता है।
पेट में होने वाले इंफेक्शन से कुछ घरेलू उपाय है जिसे आप घर पर ही ठीक कर सकते हैं। यह बीमारी ठीक होने में लगभग 1 सप्ताह का वक्त लेती है। जब भी बारिश का मौसम शुरू होता है इस बीमारी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने लगती है।
पेट में होने वाले इंफेक्शन से कैसे बच सकते हैं?
पानी उबालकर ही पिएं
मॉनसून में पानी उबालकर ही पिएं. क्योंकि गंदे पानी के कारण ही पेट में इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में किटाणु तेजी से फैलते हैं। इसलिए पानी को अच्छे से उबालने के बाद ही पिएं। इससे पानी में मौजूद किटाणु मर जाते हैं। पानी को उबालने के बाद खुला न छोड़े. क्योंकि उसमें मच्छर अंडे दे सकते हैं।
पेट में होने वाले इंफेक्शन के कारण
खराब खाना खाने से भी पेट में इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।
गंदा पानी पीने से पेट में इंफेक्शन हो जाता है।
स्ट्रीट फूड और साफ-सफाई भी एक महत्वपूर्ण कारण है।
स्ट्रीट फूड खाने से भी शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। किसी व्यक्ति को यह फ्लू हुआ है और अगर उस व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो आपको भी होने के चांसेस बढ़ जाते हैं।
पेट के फ्लू से बचने का तरीका
शरीर में पानी की कमी न होने दें। इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक या जिंजर ड्रिंक जरूर पिएं।
बार-बार थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें। जिससे उल्टी न हो
दूध-दही और पनीर जैसी डेयरी प्रोडक्ट के साथ कैफीन और शराब का इस्तेमाल न करें।
केला, चावल, सेब की चटनी जैसे फूड प्रोडक्ट न खाएं। वायरस को फैलने से रोकने के लिए हाथों को समय-समय पर धोते रहें। बाहर का खाना न खाएं। गर्म में बना हुआ गर्म खाना ही खाएं। जिस व्यक्ति को यह इंफेक्शन हुआ है उससे दूरी बनाएं।