नई दिल्ली। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 10,900 करोड़ रुपये की ‘पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना’ को मंजूरी प्रदान की। इसकी अवधि दो साल होगी। भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) की इस योजना में अब ई-वाउचर शामिल हैं, जिससे ईवी खरीदने की प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक आसान हो गई है। साथ ही इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस का रास्ता भी साफ हो गया है – जो स्वास्थ्य क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कैबिनेट के अनुसार, इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया, एम्बुलेंस, ट्रक और अन्य उभरते इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए 3,679 करोड़ रुपये की सब्सिडी/मांग प्रोत्साहन प्रदान की गई है। पीएम ई-ड्राइव योजना 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया, 3.16 लाख इलेक्ट्रिक तिपहिया और 14,028 ई-बसों के लिए है।
एसटीयू/सार्वजनिक परिवहन एजेंसियों द्वारा 14,028 ई-बसों की खरीद के लिए 4,391 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ई-ट्रकों को प्रोत्साहित करने के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन लोगों को प्रोत्साहन दिया जाएगा जिनके पास सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अनुमोदित वाहन स्क्रैपिंग केंद्रों (आरवीएसएफ) से स्क्रैपिंग प्रमाणपत्र है। इस योजना में चार पहिया वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 22,100 फास्ट चार्जर, ई-बसों के लिए 1,800 फास्ट चार्जर और इलेक्ट्रिक दोपहिया/तिपहिया वाहनों के लिए 48,400 फास्ट चार्जर लगाने का भी प्रस्ताव है। ई वाहनों के लिए सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) के लिए परिव्यय 2,000 करोड़ रुपये होगा। मंत्रालय ने कहा कि वह योजना के तहत मांग प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए ईवी खरीदारों के लिए ई-वाउचर पेश कर रहा है।
मंत्रालय के बयान में बताया गया है, “ईवी की खरीद के समय, योजना पोर्टल खरीदार के लिए आधार प्रमाणित ई-वाउचर तैयार करेगा। ई-वाउचर डाउनलोड करने के लिए एक लिंक खरीदार के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा।”
इस योजना में ई-एम्बुलेंस की तैनाती के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
ई-एम्बुलेंस के प्रदर्शन और सुरक्षा मानकों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा अन्य संबंधित हितधारकों के परामर्श से तैयार किया जाएगा। देश में बढ़ते ईवी इकोसिस्टम को देखते हुए, स्वच्छ ईंधन पर चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए परीक्षण एजेंसियों का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने कहा कि मंत्रालय के तत्वावधान में 780 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ परीक्षण एजेंसियों के उन्नयन को मंजूरी दी गई है।