रायपुर। बस्तर के आदिवासियों की जीवनशैली और परंपरा अनेक कलाओं को समेटे हुए है। इस कला ने गीत ओर संगीत से जुड़े कलाकार कैलाश खेर को भी दीवाना बना दिया है। वे इस बात को बखूबी जानते हैं कि एक कला किस प्रकार से सतत आजीवका के विकास में अहम योगदान दे सकती है। यही कारण है कि वे बस्तर आदिवासियों के हुनर को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित कर रहे हैं। ऐसी ही एक कला है तुम्बा कला। आदिवासियों ने लौकी को सब्जी के इतर एक अनोखा उपयोग भी ईजाद किया है, जिसे स्थानीय भाषा में तुम्बा कहते हैं। बस्तर के कलाकार जगतराम इस विलुप्त होती कला को सहेजने में लगे हैं। प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर ने भी बस्तर के आदिवासियों की इस कला की तारीफ अपने सोशल मीडिया के पोस्ट में की है। उन्होंने लिखा है कि छत्तीसगढ़ के गाँवों में छुपी कारीगरी अद्भुत है और एक कलाकार होने के नाते एक कला के पीछे मेहनत और दीवानगी बखूबी जानता हूँ। प्राकृतिक जीवन जीने वाले आदिवासी तुम्बा लौकी को सुखाकर बनाते हैं। सूखने के बाद इसके अंदर के हिस्से को काट कर निकाल दिया जाता है। इस प्राकृतिक बर्तन को ही आदिवासी तुम्बा कहते हैं। तुम्बा में रखा पानी काफी देर तक ठंडा रहता है। आदिवासी लंबी दूरी की यात्रा के दौरान इसमें पेय पदार्थ रखा करते थे। इसे देसी थर्मस भी कहा जाता है। लेकिन आधुनिकता की दौर में तुम्बा कला अब विलुप्त होती जा रही है, जिसे सहेजने में लगे हैं बस्तर के कलाकार जगतराम। वे इस कला को जीवित रखने के साथ ही स्थानीय महिलाओं को रोजगार देने का प्रयास कर रहे हैं। बस्तर की आदिवासी महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बना रहे हैं। जगतराम ने तुम्बा कला को नए रूप में दुनिया के सामने लाने का प्रयास किया है। जगतराम ने तुम्बा को न केवल जलपात्र बल्कि उनके कई रूप और रंग भी ईजाद किये हैं। जिनमें लैंप, पॉट और कई आकर्षक कलाकृतियां भी शामिल है। सूखे हुए तुम्बे पर शिल्प कलाकार विभिन्न आकर- प्रकार की सुंदर कृतियाँ उकेर कर उन्हें मनमोहक और आकर्षक रूप देते हैं। शहरों और महानगरों में भी ये कलाकृतियां लोगों को लुभा रहीं हैं। ऑनलाइन के माध्यम से इसकी काफी डिमांड आ रही है।
बस्तर के आदिवासियों की देसी थर्मस बनाने की तुम्बा कला को सहेज रहे जगतराम
[metaslider id="184930"
Related Posts
Add A Comment
chhattisgarhrajya.com
ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
Important Page
© 2025 Chhattisgarhrajya.com. All Rights Reserved.












