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छत्तीसगढ़

किडनी की बीमारी के डर से पांच साल से सुपेबेड़ा में नहीं बजी शहनाई

रायपुर।छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के ग्राम  सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी के कारण एक दशक से हालात बेहद खराब हैं। पांच साल से यहां किसी भी घर में शहनाई नहीं बजी। किडनी की बीमारी के डर से इस गांव में न कोई अपनी लड़की ब्याहना चाहता है और न ही यहां की लड़की को कोई बहू बनाकर अपने घर ले जाना चाहता है। शादी-ब्याह रुक गए हैं और दूसरी तरफ, किडनी की बीमारी के कारण लगभग हर घर में एक महिला की मांग उजड़ चुकी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता समेत कुछ और नेताओं का दल सुपेबेड़ा गांव का दौरा करने पहुंचा था। बघेल ने बताया कि गांव के हर व्यक्ति के चेहरे पर डर है।खुशी छिन चुकी है। पानी में फ्लोराइड, आयरन और दूसरे भारी तत्वों की अधिकता के कारण हड्डियां कमजोर हो गई हैं। दांत पीले और कई लोगों के पैरों टेढ़े-मेढ़े हो गए हैं। कमर झुक गई है, कई लोग सीधे खड़े नहीं हो सकते। लगातार गांव की हालत बदतर होती जा रही है।भूपेश का दावा है कि अब भी गांव में लगभग दौ सौ लोग किडनी के मरीज हैं। यहां के ग्रामीणों की हालत और मौतों को देखकर यहां के लोगों से कोई रिश्ता जोड़ने के लिए तैयार नहीं है। जिनके पास 25-30 डिसमिल जमीन थी, वह भी बिक गई, क्योंकि परिवार के किसी न किसी सदस्य को किडनी की बीमारी थी। लोग दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं।

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