Home » सोशल मीडिया पोस्ट पर निलंबन अलोकतांत्रिक निर्णय और मौलिक अधिकार का हनन-वीरेन्द्र नामदेव
Breaking छत्तीसगढ़ राज्यों से

सोशल मीडिया पोस्ट पर निलंबन अलोकतांत्रिक निर्णय और मौलिक अधिकार का हनन-वीरेन्द्र नामदेव

सोशल मीडिया फेसबुक पोस्ट के आधार पर कोरबा जिले व्याख्याता नित्यानंद यादव के निलम्बन को प्रदेश के प्रमुख कर्मचारी नेता राज्य कर्मचारी संघ के पूर्व प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने अलोकतांत्रित निर्णय करार देते हुए इसे संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों का हनन निरूपित करते हुए निलंबन आदेश को तुरंत निरस्त करने की मांग किया है। जारी विज्ञप्ति में नामदेव ने आगे बताया है कि भारत वर्ष में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण अधिकार है। यह व्यक्ति को अपने विचार, भावनाएँ और दृष्टिकोण स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने का हकदार बनाता है। किसी को भी अभिव्यक्ति के नाम पर निलंबन करना तब तक उचित नहीं माना जा सकता जब तक उनके विचार या अभिव्यक्ति से किसी अन्य व्यक्ति या समूह के अधिकारों या सुरक्षा को खतरा न हो। स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि कोई व्यक्ति कुछ भी कह सकता है, इसलिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि कोई भी निर्णय सोच-समझकर और निष्पक्षता के साथ लिया जाना चाहिए। यह निलंबन फेसबुक में लिखे शब्द “विष्णु देव साय ने दीपावली के शुभ अवसर पर कर्मचारियों के पेट में मारी लात। 9 महीने का 4- 4% डीए में डाला डाका।” को आपत्तिजनक और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा अधिनियम के तहत मुख्यमत्री और शासन के प्रतिकूल मानकर कार्यवाही की गई है। ऐसा प्रतीत होता है यह कार्यवाही कोई खुन्नस निकालने की प्रतिक्रिया की गई कार्यवाही हो सकता है। जारी विज्ञप्ति में कर्मचारी हित में उनके अवैधानिक निलंबन को तुरंत निरस्त करने की मांग किया है।

Advertisement

Advertisement