पटना के गुलबी घाट पर गुरुवार को मशहूर लोकगायिका शारदा सिन्हा पंचतत्व में विलीन हो गईं। सुबह करीब 10.30 बजे पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। बेटे अंशुमन सिन्हा ने मुखाग्नि दी। इस दौरान घाट पर शारदा सिन्हा अमर रहें और जय छठी मईया के जयकारे भी गूंजते रहे।
अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद लोगों की आंखों में आंसू थे। इस दौरान स्थानीय लोगों के साथ राजनेता और शारदा सिन्हा के परिवार के लोग भी मौजूद थे।
सुबह करीब पौने नौ बजे राजेंद्र नगर स्थित उनके आवास से अंतिम यात्रा निकली। बेटे अंशुमन ने मां की अर्थी को कंधा दिया। उनके साथ बीजेपी के पूर्व सांसद रामकृपाल यादव, विधायक संजीव चौरसिया भी दिखे। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गुरुवार शाम शारदा सिन्हा के राजेन्द्र नगर स्थित घर पर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे।
बता दें कि शारदा सिन्हा के निधन से करीब डेढ़ महीने पहले ही उनके पति ब्रजकिशोर सिन्हा का निधन हुआ था। इसे लेकर शारदा सिन्हा ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट भी शेयर की थी। पति का भी अंतिम संस्कार गुलबी घाट पर किया गया था और पद्मभूषण शारदा सिन्हा की भी अंतिम इच्छा यहीं पर पंचतत्व में विलीन होने की थी।
शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन सिन्हा ने बुधवार को कहा था कि शारदा सिन्हा के जाने से आज पूरा देश जानता है कि यह कितनी बड़ी क्षति है। शारदा सिन्हा जैसी दूसरी कोई हो नहीं सकती हैं। प्रभु ने जो चाहा वह हो गया है।
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार की रात निधन हो गया था। वह 72 साल की थीं। कुछ दिन पहले बीमारी के कारण उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। सोमवार (4 नवंबर) को तबीयत बिगड़ने पर उन्हें वेंटीलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था।
6 नवंबर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकगायिका शारदा सिन्हा के पार्थिव शरीर के पटना आने के बाद कंकड़बाग स्थित उनके आवास पहुंचे और विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। नीतीश कुमार ने इस दौरान शारदा सिन्हा के शोकाकुल परिजनों से भी मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया था। इससे पहले शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर दिल्ली से पटना लाया गया।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक्स पर लिखा था कि बिहार कोकिला, पद्म श्री एवं पद्म भूषण से सम्मानित स्वर्गीय शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा।