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अर्थहीन जीवन में ’मै मैं’ से अच्छा राष्ट्र हित में छोटे बड़े त्याग करते हुए सिंह दहाड़ में ’मां मां ’ कहना : प्रदेश महासचिव सिंह

छत्तीसगढ़ प्रादेशिक मानव संसाधन विकास समिति के प्रदेश महासचिव सह पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री (प्रभारी झारखंड राज्य) अखिल भारतीय मानव अधिकार समिति, बिरेंदर सिंह ने राष्ट्र हित के अपने संदेश में कहा है की कई समर्थवान सक्षम लोग जीवन भर केवल धन संपदा संकलन करते, स्वार्थ पूर्ण और अर्थहीन जीवन जीते हैं और मर जाते हैं,जब की जीवन अल्प है और मरने के बाद संकलन किए हुए धन, झूठी प्रतिष्ठा का क्या होता है हम नही जानते, इसलिए राष्ट्र हित में छोटे बड़े त्याग करते हुए अपनी आय का एक अंश देश वासियों के लिए दान करते हुए सिंह की भांति दहाड़ते हुए ’मां मां ’ करते हुए मनुष्य तन,मातृभूमि,मानव समाज का ऋण उतारते हुए सार्थक जीवन जिएं। हम भगवान की पूजा तो करते हैं परंतु भगवान के बच्चों के प्रति भी सेवा,समर्पण का भाव होना चाहिए,ताकि हमारे ही बीच हमारे उतथान के लिए कार्य करने वाले शुभचिंतक,हमारे गरीब पड़ोसी,सहायता हेतु ठोकर खाते बच्चे, बूढ़े बेसहारा लोग आपके दान दिए संसाधन से आपके और आपके परिवार की उन्नति के लिए प्रार्थना, दुआ देंगे,और इस प्रकार से मानवता की पीड़ा कुछ कम होगी ऐसा मुझे लगता है, राष्ट्र पर जब जब विपत्ति आई है मानव समाज के लोगों ने महाराणा प्रताप,शिवाजी महाराज,गुरु गोविंद सिंह जी,नेता जी सुभाष चंद्र बोस, क्रांतिकारियों को लड़ने साधन , संसाधन दिए, तन,मन,धन से साथ दिया जिससे राष्ट्र की रक्षा हुई, अगर बढ़ती जनसंख्या के कारण सरकार के प्रयास सार्थक नहीं हो रहे तो सहयोगी बन कर हम सब को एक दूसरे का साथ देना ही होगा यही अपील श्री सिंह ने सभी से की है।

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