अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की वायरल तस्वीर को देखकर आप एकबार उन्हें पहचान नहीं पाएंगे. तस्वीर देखकर लग रहा है कि उनके शरीर में चमड़ी और हड्डियां भर शेष हैं. वे काफी कमजोर हो गई हैं और उनकी सेहत पर यह कहा जाता सकता है कि उन्हें किसी भी तरह अपना वजन स्थिर रखने की कोशिश करनी होगी, लेकिन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ परेशानी यह है कि वे जितनी कैलोरी भोजन के साथ लेते हैं, उससे ज्यादा कैलोरी उनकी बर्न हो जाती है. इस वजह से उनके सामने वजन को सामान्य बनाने की चुनौती होती है.
क्या सुनीता विलियम्स की जान को है खतरा?
सुनीता विलियम्स की जो हालिया तस्वीर है, उसे देखने के बाद नासा के डाॅक्टर उनका वजन बढ़ाने में पूरी मदद कर रहे हैं. सुनीता जून महीने में अंतरिक्ष गई थीं और अब नवंबर का महीना चल रहा है. उन्हें वहां रहते हुए 155 दिन से ज्यादा हो चुके हैं. न्यूयार्क टाइम्स ने नासा के अधिकारियों से बातचीत के बाद जो खबर प्रकाशित की है उसमें यह बताया गया है कि उन्हें वजन बढ़ाने और स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए सलाह दी जा रही है. जब सिंतबर महीने में उनकी तस्वीर आई थी नासा तब से उनके गिरते वजन को कम करने की कोशिश कर रहा है. नासा के अधिकारियों का कहना है कि सुनीता विलियम्स के घटते वजन से वे चिंतित हैं, लेकिन इसमें उनकी जान को खतरा नहीं है और उम्मीद की जा रही है कि सबकुछ ठीक हो जाएगा. नासा के डाॅक्टर्स ने उन्हें प्रतिदिन 5,000 कैलोरी खाने की सलाह दी है.
नासा का कहना है कि एक अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में अपना वजन मैंटेन करने के लिए पृथ्वी पर रहने वाले लोगों की अपेक्षा दोगुनी कैलोरी खानी पड़ती है. सुनीता ने जब जून में मिशन की शुरुआत की थी, तो उनका वजन 140 पाउंड यानी 63 किलो से कुछ ज्यादा था. अंतरिक्ष में जाने से मेटाबॉलिज्म पर असर पड़ता और शरीर को मिलने वाली ऊर्जा का नुकसान होता है. अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण कमजोर होता है इसलिए शरीर के ऊपरी हिस्से में लिक्विड यानी तरल पदार्थ जमा होने लगता है. गुरुत्वाकर्षण कम होने की वजह से हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं और ब्लड प्रेशर पर भी काफी फर्क पड़ता है. इन वजहों से शरीर को अपना वजन सामान्य रखने के लिए अंतरिक्ष में ज्यादा कैलोरी की जरूरत होती है. फिजियोलॉजी पर एक केंद्रित एक विज्ञान के जर्नल में यह बात प्रकाशित हुई है कि महिला अंतरिक्ष यात्रियों का वजन पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा कम होता है क्योंकि जितने कैलोरी की जरूरत उन्हें अंतरिक्ष में होती है वे उतना कंज्यूम नहीं कर पाती हैं. सुनीता विलियम्स के साथ भी यही हो रहा है उन्हें जितनी कैलोरी चाहिए वे उतना खा नहीं पा रही हैं, जिसकी वजह से उनकी मांसपेशियां तेजी से कम हो रही हैं और वजन गिरता जा रहा है. नासा के कर्मचारी का कहना है कि सुनीता को प्रतिदिन 3,500 से 4,000 कैलोरी लेनी होगी तभी उनका वजन ठीक हो पाएगा, यही वजह है कि उन्हें 5,000 कैलोरी खाने की सलाह दी गई है.
अंतरिक्ष में यात्री अधिकतर फ्रीज ड्राई फूड का इस्तेमाल करते हैं. वे डिब्बाबंद मछली और चिकन का भी प्रयोग करते हैं जो थर्मो स्टेबलाइज्ड होता है. थर्मो स्टेबलाइज्ड फूड उसे कहते हैं, जिसे गर्म करके हानिकारक एंजाइम और सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने के बाद पैक किया जाता है. अंतरिक्ष यात्री नट्स, ग्रेनुला बार और कुकीज भी खाते हैं. वे मसाले और मिठाइयां भी खाते हैं. सुनीता विलियम्स की जो तस्वीर सामने आई है उसमें वे पिज्जा खाती नजर आ रही और अन्य मसाले भी वहां मौजूद हैं, जिनका उपयोग वो करती हैं. अंतरिक्ष यात्रियों को दिन में तीन बार खाना खाने की जरूत होती है ताकि शरीर में ऊर्जा बना रहे. उन्हें व्यायाम भी करना होता है जिसकी अवधि दो घंटे तक की होती है.