भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश दोनों राज्य सरकारें महंगाई राहत (डीआर) देने के मामले में पेंशनरों और परिवार पेंशनरों के साथ लगातार कई वर्षों से छल कर रही है। दोनों ही सरकारों को तुरंत आपसी सहमति लेकर पेंशनरों को जुलाई 24 से 3% डी आर की किस्त का भुगतान एरियर सहित भुगतान करने की आदेश जारी करने की मांग की है।
उन्होंने आगे बताया है कि मध्यप्रदेश शासन ने जनवरी 24 से 4% लम्बित महंगाई भत्ता एरियर सहित देने की आदेश किया परंतु पेंशनरों को एरियर से वंचित कर दिया। यही स्थिति छत्तीसगढ़ शासन के आदेश में पेंशनरों को एरियर नहीं दिया नियमित कर्मचारियों को भी एरियर नहीं देकर लाखों रुपए हजम कर लिए है।
मध्यप्रदेश के लगभग 5 लाख और छत्तीसगढ़ के 1 लाख से अधिक पेंशनरो तथा परिवार पेंशनरों की डी आर देने के आदेश जारी करने में विलम्ब करके और बाद में बिना एरियर आदेश कर पेंशनरों की दिवाली को दोनों सरकारों ने जानबूझकर फीकी कर दी ।
जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है मध्य प्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 के तहत मध्यप्रदेश को 74% और छत्तीसगढ़ सरकार को 26% के मान से सभी 6 लाख पेंशनरों के लिए बजट का प्रावधान करना पड़ता है। छत्तीसगढ़ के वित्त सचिव के अनुसार पेंशनरों को 26% राशि के भुगतान छत्तीसगढ़ सरकार को प्रतिवर्ष 2000 करोड़ से अधिक का घाटा है और मध्यप्रदेश सरकार को फायदा है। मध्यप्रदेश सरकार के मांगे जाने पर छत्तीसगढ़ सरकार ने पेंशनरों को एरियर भुगतान करने की सहमति विगत जुलाई 23 से 4% देने की नहीं दी और अब जनवरी 24 से एरियर देने हेतु मध्यप्रदेश सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार दोनों ने सहमति हेतु पत्र नहीं भेजे । इस बार भी छत्तीसगढ़ सरकार ने चूंकि कर्मचारियों को एरियर भुगतान करने का आदेश नहीं दिया है। इसीलिए पेंशनरों को भी देने के लिए राजी होना नामुमकिन था। इसलिए मध्यप्रदेश सरकार ने सहमति नहीं मांगी। दोनों सरकार का यह रवैया पेंशनरों के साथ घोर अन्यायपूर्ण है।
जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के अनेक पदाधिकारी क्रमशः वीरेन्द्र नामदेव, द्रोपदी यादव,पूरन सिंह पटेल, जे पी मिश्रा, अनिल गोल्हानी, बी एस दसमेर, सुरेश मिश्रा,बी के वर्मा,आर एन ताटी,दिनेश उपाध्याय, प्रवीण त्रिवेदी,प्रदीप सोनी,आर जी बोहरे,राकेश जैन,महेश पोद्दार,ओ पी भट्ट, पी एन उड़कूड़े,रैमनदास झाड़ी, जगदीश कनौजिया,एस के घाटोडे, नैन सिंह, शंभू नाथ देहारी, डी आर गजेन्द्र, रणविजय सोनी, एस एस भदौरिया, बसंत गुप्ता,पिताम्बर पारकर,हेमंत टांकसाले,नागेश कापेवार,प्रवीण त्रिवेदी, डॉ पी आर धृतलहरे,एच एल नामदेव,के आर राजपूत,विनोद जैन, सी एम पांडेय,जे पी भारतीय,गायत्री गोस्वामी,अनूप डे, मो. कसीमुद्दीन, कमलसाय भद्रे, मो. कासिम, सुभाष मंडल,सी एल चंद्रवँशी,बरातूराम कुर्रे,आई सी श्रीवास्तव, शैलेन्द्र कुमार सिंह,शरद अग्रवाल,डॉ एस पी वैश्य,बी डी उपाध्याय,बी एल यादव,नरसिंग राम,आर के नारद,सुरेश शर्मा,एस के चिलमवार,लोचन पांडेय,एस के एस श्रीवास्तव,आलोक पांडेय,तीरथ यादव,रमेशचन्द्र नन्दे,जगदीश सिंह,ओ डी शर्मा,उर्मिला शुक्ला,कुंती राणा, वन्दना दत्ता, कलावती पाण्डे, पी भारती,परसराम यदु,अनूप योगी,ओ डी उपाध्याय,बी एल गजपाल,एन के भटनागर, डी के त्रिपाठी, एम आर शास्त्री, मीता मुखर्जी, सोमेश्वर प्रसाद तिवारी,हरेंद्र चंद्राकर,व्ही टी सत्यम, मो.अय्यूब खान,रविशंकर शुक्ला,गुज्जा रमेश,,लोकचंद जैन, एम एल पाल, अवधराम घृतलहरे, मालिक राम वर्मा,नागेंद्र सिंह आदि ने मोदी की गारंटी की लाज रख कर पेंशनरों को जुलाई 24 से बकाया 3% महंगाई राहत (डीआर) को एरियर सहित भुगतान करने की मांग की है।