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मुख्यमंत्री से पेंशनरों की 65 वर्ष की आयु पर मूल पेंशन में वृद्धि तथा कम्युटेशन अवधि कम करने की मांग

भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष जे पी मिश्रा,प्रदेश महामंत्री अनिल गोल्हानी, रामनारायण ताटी, बी के वर्मा, राकेश जैन, आर जी बोहरे,आई सी श्रीवास्तव, नारायण यादव,आर डी झाड़ी, जगदीश कनौजिया, एस के देहारी, एस के धातोड़े, नैनसिह, रणविजय सोनी आदि ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से छत्तीसगढ़ सरकार पेंशनरों की आयु में वृद्धि के साथ मूल पेंशन में 65 साल की आयु के बाद हर 5 वर्ष में पेंशन रिवीजन की मांग की है उल्लेखनीय है कि सम्प्रति 80 वर्ष पूर्ण होने पर 20% प्रतिशत पेंशन में वृद्धि होती है।साथ ही पेंशन सारांशीकरण (कम्युटेशन राशि) के कटौती की समय सीमा 15 वर्ष से घटाकर 10 वर्ष करने का आग्रह किया है। जैसा कि तेलंगाना, हरियाणा व पंजाब सरकार ने सारांशीकरण राशि की वसूली की समयसीमा कम कर दी है।
जारी विज्ञप्ति में आगे बताया है कि हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने 11 नवंबर को अपने राज्य में पेंशनरों की समस्या के निराकरण के दिशा में अधिसूचना जारी कर 3 सदस्यीय समिति का गठन किया है । यह समिति 65,70 और 75 की आयु में पेंशन में वृद्धि (पेंशन रिवीजन)तथा परिवार सारांशीकरण (कम्युटेशन) राशि के वसूली में समय सीमा कम करने पर विचार कर सरकार को 1 महीने में रिपोर्ट देगी।
जारी विज्ञप्ति में छत्तीसगढ़ राज्य सरकार से भी इस बारे में शीघ्र निर्णय लेने की मांग की है।

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