नई दिल्ली । लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया। संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 जिसे एक राष्ट्र-एक चुनाव विधेयक के रूप में जाना जाता है, इसे केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने पेश किया। इसके साथ ही राज्यसभा में ‘संविधान पर चर्चा’ जारी है।
विपक्ष इस विधेयक का विरोध कर रहा है। विपक्ष ने विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की।
वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध करेगा विपक्ष
वन नेशन वन इलेक्शन पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, ‘यह भारत के संविधान और नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर एक हमला है जिसका पुरजोर विरोध कांग्रेस पार्टा और INDIA गठबंधन करेगा। यह बिल भाजपा की मंशा व्यक्त करता है कि वो किस प्रकार से भारत के चुनाव की निष्पक्षता को छिनने की कोशिश कर रहे हैं। भारत में निष्पक्ष चुनाव की हमारी मांग है।’
कांग्रेस ने बताया संविधान के खिलाफ
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह लोगों के वोट देने के अधिकार पर हमला है। चुनाव आयोग को इस विधेयक में बहुत ज्यादा अधिकार दिए गए हैं। संविधान में चुनाव आयोग को सिर्फ चुनाव कराने की व्यवस्था करने का ही प्रावधान किया गया है, लेकिन इस विधेयक में राष्ट्रपति के चुनाव आयोग से चुनाव को लेकर सलाह लेने का प्रावधान दिया गया है, जो संविधान के खिलाफ है।
चुनाव आयोग को दी जा रहीं कई शक्तियां : कल्याण बनर्जी
टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि संविधान संशोधन के तहत चुनाव आयोग को काफी शक्तियां दी जा रही हैं, जिसके बाद राज्य सरकारें चुनाव आयोग के सामने कुछ नहीं रह जाएंगी। कल्याण बनर्जी ने कहा कि यह विधेयक संविधान के खिलाफ है।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने भी विधेयक का विरोध किया। वहीं एनडीए की सहयोगी तेदेपा ने विधेयक को समर्थन देने की बात कही।