विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को सदन में नक्सली मुद्दे पर गहमागहमी रही। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने प्रश्न उठाया, जिसका जवाब देते हुए गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि जुलाई से नवंबर 2024 के बीच बस्तर में 142 नक्सली घटनाएं हुई हैं जिसमें पुलिस नक्सली मुठभेड़ की 35 घटनाएं शामिल है। मुठभेड़ में पुलिस और सुरक्षाबल के 05 जवान शहीद, 34 जवान घायल हुए हैं। इस दौरान नक्सलियों ने 24 आम नागरिकों की हत्या की गई है। क्रास फायरिंग में कोई भी आम नागरिक नहीं मारा गया है।
यह जानकारी आज विधानसभा में गृह मंत्री विजय शर्मा ने नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के प्रश्न के जवाब में दी। डिप्टी सीएम शर्मा ने बताया कि नक्सली घटनाओं और मुठभेडों में 76 नक्सली मारे गये और 338 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। डॉ. महंत के इस प्रश्न का उत्तर देने खड़े हुए उिप्टी सीएम ने डॉ. महंत की तरफ से विधानसभा की पिछली बैठक में उठाए गए कुछ प्रश्नों का भी उल्लेख किया। तब डॉ. महंत ने भरमार बंदूकों की बरामदगी पर प्रश्न उठाया था।आज डिप्टी सीएम ने प्रश्न का उत्तर देने के दौरान उन बातों का उल्लेख करने लगे। इस पर विपक्षी सदस्यों ने आपत्ति की कहा कि प्रश्नकाल में मंत्री भाषण दे रहे हैं यह ठीक नहीं है। इस दौरान सदन में जमकर शोर शराबा हुआ। मंत्री शर्मा ने कहा कि सदन में होने वाले हर सवाल का जवाब दिया जाएगा, लेकिन हमें कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिए। बंदूक कहां रखा है बारुद कहां है, इस तरह के सवाल करके हम क्या संदेश देना चाहते हैं। इस दौरान उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में नक्सलवाद को लेकर उठाए गए प्रश्नों की सूची दिखाते हुए कहा कि कई ऐसे प्रश्न है जिनको अग्राह्य किया गया है ,तब विधानसभ के अध्यक्ष के पद पर डॉ. महंत ही बैठे थे। इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने आपत्ति की। इस पर स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि अध्यक्ष के की व्यवस्था पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं की जा सकती।