रायपुर। छत्तीसगढ़ में चल रहे रामायण के नए रील से सियासत गरमा गई है। रामायण की पूरी कहानी जानने वालों का कहना है कि दशरथ के वचन के कारण त्रेतायुग में भगवान को मानव जीवन के उन सभी मर्यादाओं का पालन करना पड़ा जो उनके सामर्थ में था। उन्हें वनवास तक भोगना पड़ा। लोगों का कहना है कि यह रील कहीं उसी सोच को लेकर तो नहीं बनाई गई। छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनते ही भाजपा ने विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री तो बना दिया पर पार्टी के ही कई लोगों को यह पल्ले नहीं पड़ रहा। कहीं कलयुग में त्रेतायुग के रामायण को छत्तीसगढ़ की सत्ता में दोहराने की साजिश तो नहीं हो रही।






प्रोफेशनल तरीके से बनाए गए इस वीडियो में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के साथ पूर्व सीएम की डिप्टी सचिव रही सौम्या चौरसिया को भी जगह दिया गया है। पूर्व अधिकारी सौम्या चौरसिया को कैकई बताया गया है। वीडियो में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को राम, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रावण, डिप्टी सीएम अरुण साव को लक्ष्मण, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव को भरत, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को शत्रुघ्न तो वहीं उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा को हनुमान, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को दशरथ, रामविचार नेताम को सुग्रीव बताया गया है। वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रावण, पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को विभीषण, कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत को ताड़का, सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े को मंथरा, कसडोल की पूर्व विधायक शकुंतला साहू को सूर्पणखा, पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को मारिच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को कुंभकरण और पूर्व महापौर एजाज ढेबर को लवणासुर बताया गया है।





रील आने के बाद कई तरह की चर्चाएं चल रही है। पूरी कहानी भूपेश शासनकाल के पृष्ठ भूमि के आधार पर तैयार की गई है। नगरीय निकाय चुनाव के पहले इसे जारी कर सियासी लाभ लेने की फितरत किसकी है। यह तो आने वाले समय में पता चलेगा। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग कभी भी कार्यक्रम जारी कर सकती है। ऐसे में सोशल मीडिया में आने वाले दिनों में ऐसे और कई रील देखने को मिलेंगे इसमें कोई आश्चर्य नहीं है। रील के राम और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को अब इन सबसे सावधान होकर चलने की आवश्यकता है।













