गर्म बिलासपुर में सेब की एचआरएमएन-99 वैरायटी की पैदावार कर एक सफल बागबान का गौरव हासिल करने वाले हरिमन शर्मा को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इसके लिए उनके नाम की घोषणा हुई है। आज हरिमन शर्मा को उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष का असल इनाम मिलने जा रहा है। हरिमन शर्मा को अब तक 19 नेशनल और 15 राज्य स्तरीय अवार्ड मिल चुके हैं। वहीं, प्रदेश के अग्रणी मीडिया ग्रुप ‘दिव्य हिमाचल’ द्वारा भी हरिमन शर्मा को ‘हिमाचल एक्सीलेंस अवार्ड ’ से नवाजा जा चुका है। इसके साथ ही पांच जिला व उपमंडलस्तर के पुरस्कारों से भी सुशोभित हो चुके हैं। दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन की बगिया में भी यह सेब अपनी महक बिखेर रहा है।
महाराष्ट्र के नागपुर में दो हजार पौधे तैयार किए हैं, जबकि पूरे महाराष्ट्र में एचआरएमएन-99 वैरायटी के डेढ़ लाख पौधे महक रहे हैं। देश के 29 राज्यों में उनका सेब सफलतम रूप से तैयार होकर फल दे रहा है, जबकि विदेश में जर्मनी, बांग्लादेश, साउथ अफ्रीका और नेपाल में भी सेब का सफल उत्पादन किया जा रहा है। बिलासपुर जिला के घुमारवीं क्षेत्र में पनियाला नामक स्थान पर उनकी सेब की एक बड़ी नर्सरी है, जहां सेब के पौधे उगाए जा रहे हैं। वह नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन गांधीनगर गुजरात के साथ संबद्ध हैं और वह अपने पौधे इस फाउंडेशन के माध्यम से डिमांड के अनुरूप राज्यों को भेजते हैं। -एचडीएम
पीएम मोदी के गोद लिए गांव में भी लहरा रहा हरिमन सेब
पीएम मोदी के गोद लिए गांव जयापुरा में भी सेब के 500 पौधों के माध्यम से किसान बागबानों की आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त हुआ है। हरिमन शर्मा का कहना है कि नागालैंड, मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और आसाम में 1.25 लाख पौधे बांटे गए हैं। पौधे वितरण का कार्य विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से किया गया है। जो भी जानकारी प्राप्त करना चाहे वह उनकी नर्सरी आकर ट्रेनिंग ले सकता है।
शुरुआत में कोई नहीं करता था विश्वास
हरिमन शर्मा ने बताया कि वर्ष 1999 में नई किस्म पर रिसर्च शुरू की। 2006 में सफलता मिली। उस समय कोई विश्वास नहीं करता था फिर वर्ष 2007 में सेब व आम के फल तत्कालीन मुख्यमंत्री को सचिवालय में भेंट किए थे जिस पर मुख्यमंत्री द्वारा कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई और सबको बताया कि गर्म क्षेत्रों में भी सेब पैदा हो रहा है। मीडिया के माध्यम से प्रचार बढऩे लगा। वर्ष 2013 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाइब्रेट कृषि समिति उत्सव का आयोजन किया था, जिसमें उन्हें भी आमंत्रित किया गया था। इसके बाद नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन गांधीनगर गुजरात के साथ संबद्ध हुए और एक नई पहचान मिली।