संगम नोज पर बीती रात करीब 1 से 2 बजे के बीच मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटे थे. इस दौरान वहां पर भगदड़ मची. जिसमें 14-15 लोगों की मौत हो गई. ये आंकड़ा अब 20 के करीब पहुंच चुका है. हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. वहीं बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं. जिनका इलाज प्रयागराज में ही चल रहा है. ये हादसा ज्यादा भीड़ जमा होने से घटित होना बताया जा रहा है. ऐसे में ये सवाल उठता है कि आखिर हर कोई संगम नोज पर ही क्यों डुबकी लगाना चाहते हैं. आखिर ये संगम नोज है क्या? संगम नोज वो जगह है जहां पर गंगा-यमुना-सरस्वती नदी आकर मिलती हैं. इसका ये नाम इसके आकार की वजह से पड़ा है. ये तीनों नदियों का संगम स्थल है. साधु-सन्यासी यहीं पर स्नान करते हैं. यही वजह है कि श्रद्धालु भी इसी जगह को ज्यादा महत्व देते हैं. संगम नोज ही श्रद्धालुओं की प्राथमिकता में है. सभी इसी जगह पर ही स्नान करना चाह रहे हैं. जिस वजह से यहां पर भीड़ ज्यादा हो रही है. जानकारी के मुताबिक हर बार आयोजन से पहले संगम नोज का विस्तार किया जाता है. पहले इसकी क्षमता एक घंटे में 50 हजार लोगों के स्नान के लिए थी. जिसे बढ़ाकर दो लाख किया गया है. बावजूद इसके, ज्यादा भीड़ होने की वजह से ऐसी स्थिति बन रही है. बताया जा रहा है कि इसी क्षेत्र में बीती रात को भगदड़ मची थी. संगम नोज में स्नान करने चाह में लाखों की भीड़ इस ओर आ रही थी. अत्याधिक संख्या होने की वजह से स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भीड़ की वजह से ही लोग हड़बड़ाए, जिससे कुछ लोग गिरे. इसके बाद से ही भगदड़ की स्थिति बनी.
हर कोई संगम नोज पर ही क्यों डुबकी लगाना चाहते हैं, आखिर ये है क्या ?
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