Monday, December 8

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने केन्द्रीय बजट 2025-26 को देश में कृषि के विकास की दिशा में एक क्रान्तिकारी मदम बताया है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बजट विकासपरक, समावेशी एवं रोजगारोन्मुखी बजट है, जिससे भारत में कृषि की दशा और दिशा में वृहद परिवर्तन देखने को मिलेगा। डॉ. चंदेल ने कहा कि बजट में देश के 100 जिलों में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया है, जिससे देश में कृषि उत्पादकता बढ़ेगी और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इस योजना से 1.70 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि बजट में सब्सिडी वाले कृषि ऋण की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रूपये करने का प्रस्ताव है, जिससे 7.70 करोड़ किसानों, मछुवारों और पशुपालकों के लिए अधिक वित्तीय समावेशन की सुविधा मिलेगी। इस कदम से कृषि उत्पादन और किसानों की आय में तीव्र वृद्धि होग।
डॉ. चंदेल ने कहा कि इस बार के बजट में निजी क्षेत्र द्वारा संचालित कृषि अनुसंधान, विकास और नवाचार हेतु 20 हजार करोड़ रूपये का आबंटन किया गया है, जो एक अभुतपूर्व निर्णय है। इससे कृषि के क्षेत्र में निजी संस्थाओं द्वारा किये जा रहे अनुसंधान, विकास एवं नवाचारी प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही भविष्य में खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों के साथ एक दूसरे जीन बैंक की स्थापना करने का निर्णय बहुत सराहनीय है। डॉ. चंदेल ने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पहले से ही धान के 23 हजार 250 जर्मप्लाज्म तथा अन्य फसलों के 6 हजार से अधिक जर्मप्लाज्म का संग्रहण एवं संरक्षण किया जा रहा है, जो इस जीन बैंक की स्थापना में सहायक सिद्ध होगा। जीन बैंक की स्थापना से छत्तीसगढ़ की विलुप्तप्राय परंपरागत फसल प्रजातियों के संरक्षण में मदद मिलेगी। दलहन उत्पादन में आत्म निर्भरता हासिल करने के लिए संचालित दाल उत्पादन मिशन हेतु इस बजट में 1000 करोड़ रूपये का आबंटन कर अधिक मजबूती प्रदान की गई है, जिससे अरहर, उड़द एवं मसूर सहित अन्य दलहन के आयात में कमी आएगी और दालों की कीमत स्थिर रखने में मद्द मिलेगी।
डॉ. चंदेल ने कहा कि बिहार में मखाना की खेती, प्रसंस्करण और विपण को बढ़ावा देने के लिए बजट में मखाना बोर्ड की स्थापना के निर्णय से मखाना उत्पादक किसानों को लाभ मिलेगा और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी मखाना उत्पादन की व्यापक संभावनाएं हैं। यहां बिहार से आयातित मखाना की किस्मों का बेहतर उत्पादन हो रहा है और दानों को आकार तथा गुणवत्ता भी काफी अच्छी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मखाना बोर्ड की स्थापना से भविष्य में छत्तीसगढ़ के मखाना उत्पादक किसानों को भी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। डॉ. चंदेल ने कहा कि ये सभी उपाय कृषि क्षेत्र को मजबूत करने, ग्रामीण आजीविका को बढ़ाने और सतत् विकास सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होंगे।

[metaslider id="184930"
Advertisement Carousel
Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031