न्यू हैम्पशायर में डॉक्टरों सुअर के जीन में परिवर्तन कर उसकी किडनी को एक 66 वर्षीय शख्स में सफलतापूर्वक प्रत्यर्पित कर दिया। इस ऑपरेशन की सफलता के बाद मरीज को कुछ दिन हॉस्पिटल में रखा गया। मरीज की हालत में लगातार सुधार हो रहा था, इससे उसे एक हफ्ते बाद ही डिस्चार्ज कर दिया गया है।
डॉक्टरों ने 25 जनवरी को 66 साल के टिम एंड्रूज का ऑपरेशन किया था। टिम पिछले दो सालों से लगातार किडनी की समस्या से जूझ रहे थे। वह लगातार किडनी डोनर की तलाश में थे लेकिन उन्हें कोई नहीं मिल रहा था। टिम के मुताबिक किडनी डोनर ढूंढ़ने में उन्हें करीब सात साल का समय लग सकता था। लेकिन इस समस्या के चलते उन्हें लगातार हार्ट संबंधी समस्याओं और डायलिसिस की जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा था, जिससे उनके बचने की संभावना कम थी। टिम को जब इस प्रयोग के बारे में पता चला तो उन्होंने खुशी-खुशी इसके लिए मंजूर दे दी। डॉक्टरों के मुताबिक ऑपरेशन करने के कुछ ही समय में किडनी ने सही तरीके से अपना काम करना शुरू कर दिया। किडनी ने किसी भी तरह के फेलियर के कोई संकेत भी नहीं दिए। पहले से डायबिटीज से पीड़ित टिम के लिए यह ऑपरेशन किसी राहत की तरह था।
सुअर के जीन में बदलाव करके उसको मानव में प्रत्यारोपित करने का यह शुरुआती मामला था। इसके पहले किए गए कुछ मामलों में ज्यादा खास सफलता नहीं मिली थी लेकिन इस मामले में डॉक्टर काफी आशान्वित हैं। मैसाचुसेट्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों को उम्मीद है कि इस ऑपरेशन के बाद जानवरों के जीन में परिवर्तन करके इंसानों की मदद की जा सकेगी। अकेले अमेरिका में ऐसे लाख से ज्यादा लोग हैं जो अंग प्रत्यर्पण के लिए लाइन में लगे हुए हैं। ऐसे में जानवरों से इंसानों में होने वाला यह प्रत्यर्पण अगर सफल हो जाता है तो यह मेडिकल क्षेत्र की एक असाधारण उपलब्धि होगा। इससे हजारों लोगों की जान बच सकती हैं।
हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि टिम के ऑपरेशन के बारे में कोई भविष्यवाणी करना अभी जल्दबाजी होगी। हमें यह देखना होगा कि वह कब तक बिना किसी दिक्कत के काम करती है। हालांकि हम आशावादी बने हुए हैं और लोगों को बीच में यह आशा फैलाने के लिए उत्सुक हैं।