रायपुर। दुर्ग जिला उतई के समीप स्थित मतेराडीह(मचांदुर) के युवा किसान दुर्गेश निषाद ने अपने साढ़े 6 एकड़ फसल बर्बादी की पीड़ा से आहत होकर खेत के अपने खेत के पेड़ में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया है। किसान की दर्दनाक घटना की जांच के लिए छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख राज्य आंदोलनकारी अनिल दुबे की अध्यक्षता में टीम गठित किया गया था। उनके निर्देशन में किसान मोर्चा के 4 सदस्य आज मृतक किसान के गांव पहुँच कर उनके परिवार वाले उनके सहयोगी लोगों को बैठाकर पूरी चर्चा कर जानकारी लिया।

जांच दल के सदस्य दुर्ग जिलाध्यक्ष इंजी.अशोक ताम्रकर,चेतन देवांगन, विमल ताम्रकर, बेमेतरा जिलाध्यक्ष चन्द्रप्रकाश साहू सामिल थे। किसान मोर्च के सदस्यों ने जानकारी दिया कि मृतक परिवार के फसल की स्थिति बताने में पूरा कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के दबाव में आकर कृषि विभाग के अधिकारी, कर्मचारी 25 से 30 प्रतिशत फसल बर्बादी की बात कर रहे हैं। जबकि किसान मोर्चा के नेताओं के रिपोर्ट के मुताबिक 80 प्रतिशत अधिक फसल की बर्बादी हो चुकी है। मृतक किसान परिवार को न्याय दिलाने के लिए किसान मोर्चा ने शासन से 25 लाख रुपये मुआवजा देने, अपराधी अमानक बीज के दुकानदारों पर एफआईआर दर्ज कर मुकदमा चलाने की मांग की है। साथ ही साथ भविष्य में अन्य किसानों को भी अमानक दवाई, बीज, खाद के समस्त दुकानों की कड़ाई से जांच करने एवं दोषी लोगों पर कठोर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है।












