ब्लड क्लॉटिंग और हड्डियों से जुड़ी परेशानी से बचना चाहते हैं, तो अपने खाने में विटमिन ‘के’ को जरूर शामिल करें। सर्दियों में ब्लड क्लॉटिंग का खतरा सबसे अधिक होता है। गर्मियों में इस तरह की दिक्कत उन्हें होती है, जो अपने खान-पान का सही से ध्यान नहीं रखते और शरीर के लिए जरूरी विटमिन्स और डाइट नहीं लेते। विटमिन ‘के’ विटमिन्स के उस ग्रुप से आता है, जिन्हें फैट साल्यूबल विटमिन्स कहा जाता है। यानी ये विटमिन्स हमारे शरीर में स्थित वसा में घुलनशील होते हैं। यही वजह है कि विटमिन ‘के’ हमारे ब्लड को गाढ़ा होने से रोकता है। इस कारण हमारा ब्लड फ्लो सही बना रहता है और शरीर में खून का थक्का नहीं जमता यानी ब्लड क्लॉटिंग का खतरा दूर होता है। आइए जानते हैं विटमिन ‘के’ हमें किन-किन फूड्स से प्राप्त होता है और हमारे शरीर को और किस तरह से फायदा पहुंचाता है।
कैसे काम करता है विटमिन ‘के’ – हमारे शरीर में कहीं भी चोट लगने पर जब खून निकलने लगता है, तो कुछ देर में ही उस जगह पर ब्लड की एक लेयर बनकर सूख जाती है ताकि शरीर से अधिक खून न बह सके। यह काम ब्लड में मौजूद प्रोथोम्बिन नाम के प्रोटीन के कारण होता है। इस प्रोटीन के निर्माण के लिए शरीर को विटमिन ‘के’ की जरूरत होती है। यानी विटमिन ‘के’ दो तरह से काम करता है। शरीर के अंदर ब्लड को जमने नहींं देता और शरीर के बाहर ब्लड को बहने
नहीं देता।
हड्डियों के लिए जरूरी है विटमिन ‘के’ – ऐसा नहीं है कि केवल ब्लड का थक्का जमाने के लिए ही हमारे शरीर को विटमिन ‘के’ चाहिए, बल्कि हड्डियों की मजबूती के लिए भी इसकी जरूरत होती है। विटमिन ‘के’ हड्डियों के मैकेनिजम को ठीक रखने का काम करता है। जिससे न तो हड्डियां बहुत सॉफ्ट होती हैं और न ही कमजोर। ऐसे में फ्रेक्चर होने का डर कम हो जाता है।
शरीर में जाकर बंट जाता है – विटमिन के-1 शरीर के अंदर बड़ी आंत द्वारा अवशोषित किया जाता है। लार्ज इंटेस्टाइन में मौजूद बैक्टीरिया इसे स्टोर करके रखते हैं। ताकि अपनी जरूरत के हिसाब से इसका इस्तेमाल लगातार करते रहें। वहीं विटमिन के-2 छोटी आंत और लिवर द्वारा अवशोषित किया जाता है। यह फैटी टिश्यूज के फार्म में इनमें मौजूद रहता है और खून की नलियों में वसा जमा होने से रोकता है। विटामिन की कमी को दूर करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, अंडा, ड्राई फ्रूट्स अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
शरीर नहीं कर पाता उत्पादन – हमारे शरीर के लिए ज्यादातर जरूरी चीजों को प्रड्यूस करने की क्षमता हमारी बॉडी में होती है। लेकिन विटमिन ‘के’ की प्राप्ति के बिना हमारा शरीर प्रोथोम्बिन का निर्माण नहीं कर पाता है। जो कि शरीर से निकलने वाले खून की क्लॉटिंग के लिए जरूरी है। इसलिए हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, अंडा, ड्राई फ्रूट्स अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
बच्चों को लगता है इंजेक्शन – जन्म के तुरंत बाद बच्चों को प्लांट बेस्ड डाइट खाने के लिए नहीं दी जा सकती। क्योंकि वे इसे चबाने और पचाने में असमर्थ होते हैं। यही वजह है ज्यादातर बच्चों को जन्म के बाद ट्रीटमेंट के दौरान विटमिन ‘के’ का इंजेक्शन दिया जाता है। ताकि किसी भी तरह की चोट के कारण उन्हें जानलेवा ब्लीडिंग से बचाया जा सके।
इन लोगों को नहीं करना चाहिए यूज – जो लोग खून के पतलेपन के कारण किसी बीमारी या समस्या से जूझ रहे हैं या जो खून को पतला करने की दवाइयां खा रहे हैं, उन्हें अपनी डाइट में विटमिन के से रिच फूड और फ्रूट्स एड करने से पहले अपने डाक्टर से बात करनी चाहिए कि वे खाने में क्या चीजें खा सकते हैं और क्या नहीं।