20 मार्च को विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर प्रसिद्ध डेंटल विशेषज्ञ डॉ. एम.एस. नवाज ने ओरल हेल्थ (मौखिक स्वास्थ्य) के महत्व पर जागरूकता बढ़ाने के लिए जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि जैसे हम दिल, दिमाग और लिवर की देखभाल के लिए संतुलित आहार और नियमित स्वास्थ्य जांच पर ध्यान देते हैं, वैसे ही दांतों और मसूड़ों की देखभाल भी जरूरी है। अक्सर लोग ओरल हेल्थ को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
ओरल हेल्थ क्या है और क्यों जरूरी है?
मौखिक स्वास्थ्य का संबंध सिर्फ दांतों से नहीं, बल्कि मसूड़े, जीभ, गाल, गला और मुंह के आसपास की हड्डियों से भी है। यदि इनकी सही देखभाल न की जाए, तो यह बोलने, चबाने, निगलने और यहां तक कि भावनाओं को व्यक्त करने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है।
डॉ. नवाज ने बताया कि ओरल हेल्थ और संपूर्ण शरीर के स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध है। अगर दांत और मसूड़े स्वस्थ नहीं हैं, तो इससे पाचन तंत्र, हृदय, गुर्दे और प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभावित हो सकती है। खराब मौखिक स्वच्छता से बैक्टीरिया मसूड़ों से रक्त प्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे हृदय रोग, डायबिटीज, स्ट्रोक और मौखिक कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
ओरल हेल्थ की अनदेखी से होने वाली बीमारियां
अगर आप अपने दांतों और मसूड़ों की सही देखभाल नहीं करते हैं, तो यह निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है:
मसूड़ों की सूजन और दर्द (गिंगिवाइटिस) – यदि नियमित रूप से ब्रश और फ्लॉस नहीं किया जाता, तो मसूड़ों में बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं, जिससे सूजन, दर्द और रक्तस्राव हो सकता है।
कैविटी और दांतों का गिरना – अधिक मीठा खाने और ठीक से ब्रश न करने से दांतों में सड़न होती है, जिससे कैविटी बनती है।
पायरिया (पीरियोडोंटल डिजीज) – यह एक गंभीर मसूड़ों की बीमारी है, जिसमें मसूड़े और हड्डियां कमजोर होकर दांतों को गिरा सकती हैं।
डायबिटीज और हृदय रोग – मुंह में मौजूद बैक्टीरिया रक्त प्रवाह में मिलकर हृदय और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
मौखिक कैंसर – खराब ओरल हाइजीन, तंबाकू और धूम्रपान का सेवन मुंह के कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है।
पाचन संबंधी समस्याएं – अगर दांत स्वस्थ नहीं हैं, तो भोजन ठीक से चबाया नहीं जा सकता, जिससे पाचन तंत्र प्रभावित होता है।
कैसे करें अपने दांतों और मसूड़ों की सही देखभाल?
डॉ. नवाज के अनुसार, कुछ आसान आदतें अपनाकर आप अपने दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं:
दिन में दो बार ब्रश करें – सुबह और रात को सोने से पहले कम से कम दो मिनट तक ब्रश करना चाहिए।
फ्लॉसिंग करें – दांतों के बीच फंसे खाने के कणों को हटाने के लिए रोजाना फ्लॉसिंग करें।
मीठे और अम्लीय खाद्य पदार्थों से बचें – अधिक चीनी और अम्लीय भोजन दांतों की सड़न को बढ़ा सकते हैं।
गर्म और ठंडे खाद्य पदार्थों से परहेज करें – अत्यधिक गर्म या ठंडा भोजन दांतों की संवेदनशीलता बढ़ा सकता है।
फल और सब्जियां खाएं – हरी पत्तेदार सब्जियां, सेब, गाजर और खीरा दांतों को प्राकृतिक रूप से साफ रखते हैं।
ब्रश को ज्यादा जोर से न रगड़ें – हल्के हाथों से 45 डिग्री के कोण पर ब्रश करें।
हर दो महीने में ब्रश बदलें – पुराने ब्रश के ब्रिसल्स खराब हो जाते हैं, जिससे सफाई ठीक से नहीं हो पाती।
नियमित रूप से डेंटल चेकअप कराएं – साल में कम से कम दो बार डेंटिस्ट से जांच करवाएं।
खूबसूरत मुस्कान के लिए स्वस्थ दांत जरूरी
डॉ. नवाज ने बताया कि दांतों की सही देखभाल सिर्फ सेहत ही नहीं, आत्मविश्वास भी बढ़ाती है। स्वस्थ और चमकदार दांत न केवल आपके व्यक्तित्व को निखारते हैं, बल्कि पूरे शरीर के स्वास्थ्य में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा, “हम अपने बालों और त्वचा की देखभाल करते हैं, लेकिन दांतों पर ध्यान नहीं देते। अगर दांतों की सही देखभाल न की जाए, तो यह पूरे शरीर के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।”
ओरल हेल्थ को नजरअंदाज करना गंभीर बीमारियों को आमंत्रण देना है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी मुस्कान हमेशा खूबसूरत और आत्मविश्वास से भरी रहे, तो अपने दांतों और मसूड़ों की नियमित देखभाल करें, संतुलित आहार लें और डेंटिस्ट से समय-समय पर परामर्श लें। क्योंकि स्वस्थ दांत, मजबूत शरीर की निशानी हैं।