रायपुर. खरोरा थाना क्षेत्र में 27-28 मार्च की रात ग्राम केवराडीह स्थित एक मकान में हुई डकैती की वारदात का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने इस घटना में संलिप्त 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीन आरोपी अब भी फरार हैं. इस संगठित अपराध के पीछे समाज में व्याप्त अंधविश्वास और लालच को मुख्य कारण बताया जा रहा है.प्रार्थी राधेलाल भारद्वाज के अनुसार, डकैती की रात उनके परिवार के सभी सदस्य अपने-अपने कमरों में सो रहे थे. रात करीब 2:05 बजे, सात नकाबपोश हथियारबंद व्यक्ति उनके घर में घुसे. इन बदमाशों ने राधेलाल और उनकी पत्नी को हथियारों के बल पर धमकाया और घर में रखे सोने-चांदी के आभूषण एवं नकदी लूट ली. हमलावरों ने प्रार्थी पर तलवार से वार भी किया, जिससे उनके हाथ में गंभीर चोट आई. वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मकान के पीछे के दरवाजे से भाग निकले.इस डकैती की जड़ें गहरे अंधविश्वास में पाई गईं. आरोपियों को यह अफवाह थी कि राधेलाल भारद्वाज के घर में 40 करोड़ रुपये नकद और 16 किलो सोना छिपा हुआ है. मुख्य साजिशकर्ता देवराज डहरिया ने इस अफवाह के आधार पर डकैती की योजना बनाई. उसने अपने साथियों को बताया कि तांत्रिक क्रियाओं (झरण/चापन) के माध्यम से वे सोना-नकदी प्राप्त कर सकते हैं. इसी लालच में आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया.कैती की घटना के बाद पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह के निर्देश पर 10 विशेष टीमों का गठन किया गया. इन टीमों ने क्राइम ब्रांच, फोरेंसिक विशेषज्ञों और डॉग स्क्वाड की मदद से आरोपियों की पहचान की. सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर संदिग्धों को ट्रैक किया गया. पूछताछ में जितेंद्र पाठक नामक आरोपी ने वारदात में संलिप्तता कबूल की, जिससे पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हुआ.पुलिस ने 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य साजिशकर्ता देवराज डहरिया सहित अन्य महत्वपूर्ण नाम शामिल हैं:
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